Hansi News : बाबा बंदा बहादुर स्कूल (Baba Banda Bahadur School Hansi ) के बच्चों द्वारा नगर में चारों साहिबजादों की वीरता का गुणगान करते हुए नगर के मुख्य मार्गों से एक जागृति यात्रा निकाली। यह यात्रा स्कूल से पुरानी तहसील रोड, पुरानी कचहरी चौक, बजरंग आश्रम रोड, पुरानी सब्जी मंडी, भगत सिंह रोड, पुराना बस स्टैंड, बड़सी गेट, चोपटा से लाल सडक़ होते हुए शहीद स्मारक पर पहुंची और शहीदों को श्रद्धा के फूल अर्पित किए। जागृति यात्रा शहीद स्मारक से बजरिया चौक, छाबड़ा चौक, उमरा गेट, तिकोना पार्क, निरंकारी भवन के सामने सुभाष नगर बैंक कॉलोनी के मध्य के रोड से होते हुए एसडी कॉलेज मार्केट से वापिस बंदा बहादुर स्कूल पहुंची।
जागृति यात्रा में विशेष आकर्षण का केंद्र छोटे-छोटे बच्चों द्वारा गतका फौजी बैंड, वीर साहिबजादों की वीरता के स्लोगन, और शब्द कीर्तन की झांकी आदि थी। इस अवसर पर शहर के प्रसिद्ध कलाकार थरिंद्रपाल सिंह पाल पेंटर ने अपने खून से चारों साहिबजादों की पेंटिंग बना कर भेंट की। इस अवसर पर हांसी के विधायक विनोद भ्याणा भी पंहुचे और उन्होंने बताया कि श्री गुरु गोविंद सिंह जी के चारो सुपुत्रों द्वारा जिस प्रकार मुगल सल्तनत द्वारा आमजन पर किये जा रहे अत्याचारों के विरोध में इतनी छोटी उम्र में अपनी कुर्बानी देकर अपना सर्वस्व निछावर कर दिया।
बाबा अजीत सिंह 17 वर्ष और बाबा जुझार सिंह 14 वर्ष की आयु में चमकौर की घड़ी के युद्ध के मैदान में 10 लाख मुगल फौजों के सामने न घबराते हुए घमासान युद्ध लडक़र शहादत का जाम पी गए और इसी प्रकार सरहिंद रियासत के नवाब वजीर खान द्वारा जुल्म की सारी हदें पार करते हुए छोटे साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह 9 वर्ष व बाबा फतेह सिंह 7 वर्ष की आयु में इस ठंड के मौसम में कितनी सख़्त यातनाएं देते हुए जिंदा दीवारों में चिणवा दिया लेकिन साहिबजादों ने अपने सिद्धांतों और देश धर्म के प्रति समर्पण को नहीं त्यागा और जुल्म के आगे घुटने न टेक वीरता से सामना कीया। इस अवसर पर स्कूल के प्रसानिक स्टाफ सहित शहर के अनेक गणमान्य लोग मौजूद थे।
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