announcement of candidates sparked protests in BJP, spate of resignations in BJP, opposition from Ramkumar Gautam to Anoop Dhanak
हरियाणा विधानसभा चुनाव ( Haryana assembly election 2024 ) को लेकर बरवाला से उठी बगावत की चिंगारी उस समय आग का गोला बन गई, जब भाजपा ने अपने 67 उम्मीदवारों की ( Haryana BJP candidate list ) पहली सूची जारी की। उम्मीदवारों का ऐलान होते ही भाजपा के अंदर ऐसी भगदड़ मची कि चंद ही मिनटों में बड़े-बड़े नेताओं में बगावत शुरू कर पार्टी से इस्तीफा देने की झड़ी लगा दी। सफीदों विधानसभा सीट से रामकुमार गौतम को टिकट मिलने के बाद बच्चन सिंह आर्य कहां कि अब भाजपा जींद की किसी भी विधानसभा सीट से जमानत भी नहीं बचा पाएगी।
सफीदों विधानसभा सीट पर सुभाष गांगौली का गढ़ माना जाता है और पूर्व विधायक बच्चन सिंह आर्य पिछले काफी समय से अपने समर्थकों सहित उनके किले को भेदने में लगे हुए थे। लेकिन भाजपा ने नारनौंद विधानसभा सीट से जननायक जनता पार्टी के बागी विधायक रामकुमार गौतम को सफीदों से चुनावी दंगल में उतार कर स्थानीय नेताओं की अनदेखी की है। उन्होंने रामकुमार गौतम का विरोध करना शुरू कर दिया।
वहीं टोहाना से जजपा के बागी विधायक एवं पूर्व मंत्री देवेंद्र बबली को उम्मीदवार बनाए जाने से नाराज राज्यसभा सांसद सुभाष बराला के समर्थकों ने भाजपा पार्टी के झंडा जला दिया। इसके अलावा उकलाना विधानसभा सीट से जेजेपी के बागी विधायक अनूप धानक को भाजपा ने चुनावी दंगल में उतरा तो भाजपा नेताओं में भाग जड़ मच गई। 2019 में भाजपा उम्मीदवार रही सीमा गैबीपुर व शमशेर गिल में भाजपा छोड़ने का ऐलान करते हुए अपना त्यागपत्र भेज दिया। बता जा रहा है कि इसके अलावा उकलाना के स्थानीय भाजपा नेता कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री कुमारी शैलजा से संपर्क साधने की कोशिश में लगे हुए।
वहीं बरवाला से लिस्ट जारी होने से पहले उठी चिंगारी अब आग का गोला बन चुकी है। बरवाला विधानसभा सीट से स्थानीय नेताओं को टिकट देने की बजाय हरियाणा सरकार में डिप्टी स्पीकर रणबीर सिंह मंगवा को टिकट दिया गया है जिसका विरोध स्थानीय नेता और कार्यकर्ता कर रहे हैं। वही हिसार विधानसभा सीट से कैबिनेट मंत्री डॉ कमल गुप्ता को टिकट देने से युवा जिला उपाध्यक्ष तरुण जैन ने भी बगावत शुरू कर दी है। रोहतक महम विधानसभा से 2019 में उम्मीदवार रहे शमशेर खरकड़ा ने भी दीपक हुड्डा को उम्मीदवार बनाए जाने से नाराज होकर अपना इस्तीफा दे दिया है।
सोनीपत के जिला उपाध्यक्ष संजीव वलेचा ने पार्टी भी छोड़ दी है। भाजपा किसान मोर्चा चरखी दादरी के जिलाध्यक्ष विकास उर्फ भल्ले चेयरमैन ने भी पार्टी को भी अलविदा कह दिया है। वहीं, सोनीपत से भाजपा पूर्वांचल प्रकोष्ठ के प्रदेश सह-संयोजक संजय ठेकेदार ने भी भाजपा छोड़ दी है।
पूर्व विधायक पर निर्दलीय लड़ने का दबाव
इधर, सूत्र बताते हैं कि रतिया से विधायक रहे लक्ष्मण नापा पर आजाद चुनाव लड़ने का दबाव डाला जा रहा है। उनके समर्थक उन्हें अकेला खड़ा करना चाहते हैं। साथ ही चेतावनी दे रहे हैं कि अगर बात नहीं मानी तो साथ छोड़ देंगे। हालांकि, लक्ष्मण नापा आजाद चुनाव लड़ने के मूड में नहीं, लेकिन समर्थकों के दबाव में जल्द इस पर फैसला लेंगे।
BJP के तीन अग्निवीर विधायक।
इसके अलावा सोनीपत से पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के OSD रह चुके राजीव जैन की पत्नी कविता जैन भी बगावत पर उतर आई हैं। उनके पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि वह BJP उम्मीदवार के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही हैं।
सुखविंद्र श्योराण ने प्रदेश अध्यक्ष को भेजा इस्तीफा
भाजपा में सीनियर लेवल के नेताओं ने भी इस्तीफा देकर पार्टी में खुली बगावत कर दी है। चरखी दादरी के बाढड़ा सीट से विधायक रहे सुखविंद्र श्योराण ने प्रदेश अध्यक्ष किसान मोर्चा के पद से इस्तीफा दे दिया है। इसके अलावा परिवार पहचान पत्र के स्टेट कोऑर्डिनेट सतीश खोला भी बगावत पर उतर आए हैं। उन्होंने कल अपने आवास पर समर्थकों की बैठक बुला ली है।
हिसार भाजपा उपाध्यक्ष तरूण जैन ने बुलाई समर्थकों की बैठक
वहीं, हिसार में भाजपा के मौजूदा विधायक और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. कमल गुप्ता की खुले तौर पर आलोचना करने वाले और दोबारा टिकट न मिलने पर पार्टी छोड़ने की घोषणा करने वाले भाजपा नेता तरूण जैन ने बगावत कर दी है। कल उन्होंने सुबह 10 बजे अपने आवास पर समर्थकों की बैठक बुलाई है।
इस बैठक में वह समर्थकों से राय शुमारी कर पार्टी छोड़ने का ऐलान कर सकते हैं। तरूण जैन खुद को टिकट की दौड़ में बता रहे थे। हालांकि, टिकट के लिस्ट में उनका नाम पहले दिन से ही पैनल में नहीं था। सावित्री जिंदल और मंत्री डॉ. कमल गुप्ता में से एक को ही टिकट दिया जा सकता था। पार्टी ने पुराने नेता डॉ. कमल गुप्ता को इस बार फिर चुनावी दंगल में उतारा है।
रणजीत चौटाला ने समर्थकों की बैठक बुलाई
रानियां से देवीलाल के बेटे रणजीत चौटाला की टिकट कटने पर उन्होंने कल सिरसा में अपने निवास स्थान पर समर्थकों की बैठक बुलाई है। रणजीत चौटाला सरकार में बिजली मंत्री हैं और हिसार से लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन जीत नहीं सके।
इसके बाद से ही उन्होंने बगावती तेवर दिखाने शुरू कर दिए थे। अब टिकट कटने के बाद वह आगामी रणनीति बनाएंगे। रणजीत चौटाला निर्दलीय ही चुनाव मैदान में उतर सकते हैं। हालांकि, वह कांग्रेस के भी संपर्क में हैं।
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