नारनौंद हल्के की बदली चुनावी फिजा, गांव खांडा खेड़ी की चौपाल पर ताला लगाने के पीछे का राज

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Election atmosphere of Narnaund constituency has changed, the secret behind locking the Chaupal of village Khanda Kheri,

भाजपा प्रत्याशियों के विरोध के बीच कैप्टन मजबूत, क्या जस्सी पेटवाड़ कर पाएंगे चीत ?

Haryana News Today: नारनौंद हल्के ( Narmada assembly election 2024) की जनता चुनावी रिजल्ट चौंकाने वाला देती है पिछले कुछ दशकों की बात करें तो 2014 के चुनाव से पहले और बाद में अब तक नारनौंद हल्के में विपक्ष का ही विधायक चुना जाता है। लेकिन इस बार नारनौंद हल्के की चुनावी फिजा कुछ बदली बदली नजर आ रही है। यहां पर कांटेदार मुकाबला भाजपा प्रत्याशी कैप्टन अभिमन्यु और कांग्रेस प्रत्याशी जस्सी पेटवाड़ के बीच होने की संभावना बन रही है लेकिन इन दोनों उम्मीदवारों के चुनावी समीकरण को इनेलो प्रत्याशी उमेद लोहान‌ बिगाड़ सकते हैं और इस चुनाव में बड़ा खेला हो सकता है। वहीं भाजपा प्रत्याशी की एक्टिव टीम कांग्रेस प्रत्याशी की गलतियों को पकड़ कर चुनाव में बनाने की कोशिश कर रही है लेकिन चुनावी माहौल कब किस करवट बदल जाए कुछ कहा जाना अभी जल्दबाजी होगा।

भाजपा प्रत्याशी कैप्टन अभिमन्यु एक मंझे हुए राजनीतिक है और उन्होंने अपने जीवन में आने को लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़ने का हुनर भी रखते हैं। परंतु इस बार उनके सामने इस चुनावी दंगल में कांग्रेस की टिकट पर पहली बार चुनाव लड़ रहे जस्सी पेटवाड़ ने उनकी हवा टाइट कर रखी है। जस्सी पेटवाड़ का लगातार हलके के लोगों के बीच में रहना और युवाओं से ज्यादा मेल मिलाप का फायदा उन्हें चुनाव में होता हुआ दिखाई पड़ रहा है। लेकिन जस्सी पेटवाड़ इससे पहले 2019 में इनेलो की टिकट पर चुनाव लड़े थे और यह उनका दूसरा चुनाव है ऐसे में उन्हें चुनाव माहौल को अपने पक्ष में बनाए रखना उनके लिए कड़ी चुनौती साबित हो सकती है।

भाजपा प्रत्याशी कैप्टन अभिमन्यु बिना पढ़े लगातार भाषण देने में एक्सपर्ट हैं और उनके भाषणों में कांग्रेसी नहीं बल्कि कांग्रेस प्रत्याशी जस्सी पेटवाड़ भी उनके निशाने पर रहते हैं। वहीं भाजपा प्रत्याशी के अलावा इनेलो प्रत्याशी भी कांग्रेस प्रत्याशी को ही निशाना बनाते हुए दिखाई पड़ रहे हैं। लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी जस्सी पेटवाड़ अपने संबोधन में हल्के की कमियों और जनता के हित को ही तो जो देकर दोनों नेताओं का नाम अपनी जुबान पर लाने से परहेज कर रहे हैं।

गांव खांडा में अन्य उम्मीदवार के आने पर चौपाल पर ताला लगाने का मामला भी इन दिनों नारनौंद विधानसभा क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। लोगों में चर्चा है कि खांडा गांव के उम्मीदवार भी अन्य गांव में वोट मांगने के लिए चौपाल में जाते हैं तो उनके गांव में दूसरे उम्मीदवारों के जाने पर चौपाल पर ताला क्यों जड़ देना सरासर गलत है। इस चुनावी रण में हर नेता चुनावी मुद्दा भुनाने की फिराक में लगा हुआ है। सोशल मीडिया पर इसको लेकर कई तरह की पोस्ट है वायरल हो रहे हैं और इन पोस्टों में कितनी सच्चाई है यह तो जनता जनार्दन ही जानती है। लेकिन इतना जरूर है कि खांडा खेड़ी गांव में अपने गांव के उम्मीदवार के पक्ष में अधिकतर पोलिंग होती है लेकिन इस बार गांव खांडा के चुनावी समीकरण भी कुछ बदले बदले नजर आ सकते हैं।

खांडा खेड़ी गांव में चौपाल पर ताला लगाने का राज

लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि गांव की चौपाल पर ताला लगाने वाली ऐसी कोई बात नहीं है क्योंकि चौपाल के अंदर शौचालय है जिसमें कुछ लोग फ्रेश होने के लिए पहुंच जाते हैं और साफ सफाई नहीं करते साथ ही कुत्ते व आवारा पशु ना घुस पाए इसके लिए हर समय ताला लगाकर रखा जाता है और जब भी जरूरत होती है तो चौपाल के पास ही दुकान पर चाबी रखी होती है और चौपाल का गेट खोल दिया जाता है। इस तरह की जो भी खबरें वह पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है वह बिल्कुल निराधार हैं।

गांव के एक व्यक्ति ने नाम न छापने के शरद पर बताया कि उनके गांव का कैप्टन अभिमन्यु भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ रहा है और उनके ही गांव का जगपाल पूर्व कैबिनेट मंत्री जसवंत सिंह का बेटा है और वह कांग्रेस नेता है कुछ लोगों ने उन्हें कहा था कि गांव में कांग्रेस के लिए वोट नहीं मांगना और ना ही इसके लिए चौपाल में आना तो गांव में इसको लेकर विरोध सुर उठने लगे कि भाजपा नेता के आदमी दिखाकर लोगों के वोट हासिल करना चाहते हैं। इसके बाद गांव में अब चुनाव एक तरफा नहीं दिखाई पड़ रहा।

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