Murder in Bani 25 years ago; It took 25 years for the police to reach the killers
हरियाणा न्यूज झज्जर : करीब 25 साल पहले गांव सिलाना की बणी में आपसी रंजिश को लेकर एक व्यक्ति की हत्या कर दी गई थी। इस मामले के आरोपितों तक पुलिस को पहुंचने में 25 साल लग गए। 25 साल बाद इस मामले में पुलिस ने दो आरोपितों को गिरफ्त में लिया है। एक आरोपित को पुलिस पंजाब के होशियारपुर से लेकर आई है तो दूसरा गुरुग्राम से दबोचा गया है। मूलरूप से बदायू के विजय नगला निवासी वीरपाल और सुखराज के रुप में इनकी पहचान हुई है। जिन्हें अदालत में पेश करते हुए न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।
पुलिस उपाधीक्षक शमशेर सिंह ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि बहादुरगढ़ सीआइए-2 के इंस्पेक्टर विवेक मलिक की टीम ने पंजाब के होशियारपुर क्षेत्र से वीरपाल पुत्र कृपाल सिंह और गुरुग्राम क्षेत्र से सुखराज पुत्र हरसाये निवासीगण विजय नगला बदायूं को गिरफ्तार किया है। इन दोनों ने अपने दो अन्य साथियों के साथ मिलकर 1998 में झज्जर के गांव सिलाना में अपने ही गांव के महेंद्र सिंह नाम के व्यक्ति का कत्ल किया था।
शराब पीकर मारपीट करता था महेंद्र: पूछताछ में पता लगा कि महेंद्र का इसलिए कत्ल किया गया था क्योंकि वह शराब पीने का आदि था और जब वे लोग सोनीपत के हरसाना कलां गांव में मशरूम फार्म पर रहते थे तो महेंद्र अक्सर उन लोगों के साथ शराब के नशे में मारपीट करता था, जिससे वह सभी तंग आगए थे और उन्होंने योजना बनाकर महेंद्र को बहाने से झज्जर के सिलाना गांव की बणी में ले गए और वहां पर अंगोछे से गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी थी। अमर सिंह और जयराम सिलाना इलाके से अच्छी तरह से वाकिफ भी थे।
इस तरह से बचते रहे गिरफ्तारी से : महेंद्र सिंह के कत्ल के बाद सभी लोग अलग-अलग जगह पर अंडरग्राउंड हो गए थे जिनमें से अमरपाल व जयराम को तो पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया गया था। लेकिन वीरपाल और सुखराज गिरफ्तारी से बचे रहे। वीरपाल करीब 8 साल से पंजाव के होशियारपुर में एक पापुलर की नर्सरी पर काम करता था और सुखराज करीब 4 साल से गुरुग्राम के न्यू पालम विहार की एक सोसाइटी में माली का काम कर रहा था।
यूं अंजाम दिया वारदात को
उप-अधीक्षक के मुताबिक 11 अगस्त 1998 को सुबह करीव झज्जर के गांव सिलाना की वणी में एक व्यक्ति की लाश पड़ी मिली थी। गांव का रहने वाला संजय उर्फ टोनी अपने पशुओं को चराने के लिए वणी में लेकर गया था। वहां पर संजय ने करीब 25-30 साल के एक नौजवान की लाश पड़ी देखकर चौकीदार साधुराम को बताया और फिर झज्जर जिला पुलिस को इसकी सूचना दी गई।
पुलिस ने मौका मुआयना कर पाया कि अंगोले (परने) से गला घोंट कर उक्त नौजवान की हत्या की गई है। चौकीदार साधुराम के बयान पर हत्या का मुकद्दमा दर्ज कर पुलिस ने तेजी से छानबीन कर पता लगाया कि जिस नौजवान की हत्या की गई है वह बदायूं क्षेत्र के विजय नगला गांव का रहने वाला महेन्द्र सिंह था।
जांच के दौरान पुलिस ने पता लगाया कि हरसाना कलां में ही उसके गांव के रहने वाले चार अन्य लोग जयराम वा अमर सिंह पुत्रान गोकलराम तथा सुखराज पुत्र हरसाये और वीरपाल पुत्र कृपाल सिंह भी मशरूम फार्म पर ही काम करते थे। उपरोक्त चारों को संदेह के दायरे में रखते हुए पुलिस ने उनकी धरपकड़ शुरू की लेकिन सभी अंडर अंडरग्राउंड हो चुके थे। करीब 6 महीने की कड़ी मेहनत के बाद आखिरकार झज्जर पुलिस ने जयराम और उसके भाई अमर सिंह को गिरफ्तार कर लिया।
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