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हिसार निगम पर भारी पशुपालक : पकड़े गए पशुओं को छुड़ा ले गए पशुपालक; मुक दर्शक बनकर देखते रहे कर्मचारी व पुलिस

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Heavy burden on Hisar Corporation by cattle herders: cattle herders rescued the caught animals

सारा दिन सड़कों व गलियों में घूमते हैं पशु, टीम पकड़ने जाती है तो कर देते हैं हमला 

हरियाणा न्यूज हिसार: नगर निगम की तरफ से शहर में पशु पकड़ने का अभियान तो चलाया जा रहा हैं। परंतु आए दिन पशुपालक नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए अपनी दबंगई दिखाकर पकड़े गए पशुओं को छुड़वा ले जाते हैं। कई बार तो पशुपालकों ने कर्मचारियों व पुलिस मुलाजिमों पर हमला करने के मामले भी सामने आ चुके हैं। लेकिन आज तक हिसार शहर में सरकार व प्रशासन से ज्यादा पशुपालकों की दबंगई नजर आती है। क्योंकि आज तक इनके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। 

पशु पकड़ो अभियान के तहत सी  शनिवार को पशुपालकों ने निगम टीम कर्मचारियों के साथ जोर जबरदस्ती करते हुए पशु छुड़वा कर ले गए। निगम आयुक्त की तरफ से पुलिस अधीक्षक को पशु छुड़वाने वालों के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए पत्र लिखा है।

नगर निगम की तरफ से हर शहर में पशु पकड़ने का अभियान शुरू किया हुआ है। बेसहारा पशुओं को पकड़ कर टीम उनको गोअभयारण्य में भेजी जाती हैं। उसी कड़ी में निगम की टीम शनिवार सुबह करीब 11 बजे 12 क्वार्टर रोड़ व इंदिरा कालोनी के आस पास के क्षेत्र में बेसहारा पशुओं को पकड़ रही थी।

वीटा बूथ के सामने वाली गली में निगम टीम ने तीन पशुओं को पकड़ कर गाड़ी में चढ़ाकर उनको वह गोअभयारण्य लेकर जा रहे थे तो रास्ते में बाइक सवार दो पशु पालक ढाणी श्यामलाल निवासी रोहित और गोलू उनकी गाड़ी के आगे आ गए। निगम टीम के साथ उन्होंने जोर जबरदस्ती की और गाड़ी से पशुओं को उतार कर ले गए।

निगम कर्मचारियों ने बताया कि उनकी तरफ से गाय खोलने का विरोध करने पर उनको जान से मारने की धमकी भी दी। साथ ही उनके क्षेत्र में दोबारा से पशु पकड़ने के लिए नहीं आने की चेतावनी दी। इस बात अधिकारियों को पता चला तो उनकी तरफ से अब पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखा गया है।

लोगों का कहना है कि जब भी निगम के कर्मचारी किसी भी एरिया में पशुओं को पकड़ने के लिए जाते हैं और गलियों में घूम रहे ऐसा ही पशु समझकर उन्हें पकड़ लेते हैं तो पशुपालक जाकर कहते हैं कि अभी-अभी छुड़वाकर घर से बाहर आया है यह उनके पालतू पशु है इसे छोड़ दो। जब निगम कर्मचारी मना करते हैं तो उनके ऊपर हमले कर दिए जाते हैं। लेकिन शहर के अधिकतर पशुपालक अपने पशुओं को सुबह दूध निकालने के बाद दिन भर उन्हें सड़कों पर घूमने के लिए छोड़ देते हैं और शाम को दूध निकालने के समय फिर घर ले आते हैं। 

पहले भी हो चुका है हमला

नगर निगम की टीम पर पहले भी पशु पकड़ने पर हमला हो चुका हैं। उसमें एक कर्मचारी गंभीर रूप से घायल हुआ था। उसके बाद काफी विरोध हुआ था। पुलिस ने उस समय मामला दर्ज कर उसमें आरोपित को गिरफ्तार भी किया था।


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हिसार निगम पर भारी पशुपालक : पकड़े गए पशुओं को छुड़ा ले गए पशुपालक; मुक दर्शक बनकर देखते रहे कर्मचारी व पुलिस

By sunilkohar

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सारा दिन सड़कों व गलियों में घूमते हैं पशु, टीम पकड़ने जाती है तो कर देते हैं हमला 


हरियाणा न्यूज हिसार: नगर निगम की तरफ से शहर में पशु पकड़ने का अभियान तो चलाया जा रहा हैं। परंतु आए दिन पशुपालक नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए अपनी दबंगई दिखाकर पकड़े गए पशुओं को छुड़वा ले जाते हैं। कई बार तो पशुपालकों ने कर्मचारियों व पुलिस मुलाजिमों पर हमला करने के मामले भी सामने आ चुके हैं। लेकिन आज तक हिसार शहर में सरकार व प्रशासन से ज्यादा पशुपालकों की दबंगई नजर आती है। क्योंकि आज तक इनके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। 





पशु पकड़ो अभियान के तहत सी  शनिवार को पशुपालकों ने निगम टीम कर्मचारियों के साथ जोर जबरदस्ती करते हुए पशु छुड़वा कर ले गए। निगम आयुक्त की तरफ से पुलिस अधीक्षक को पशु छुड़वाने वालों के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए पत्र लिखा है।





नगर निगम की तरफ से हर शहर में पशु पकड़ने का अभियान शुरू किया हुआ है। बेसहारा पशुओं को पकड़ कर टीम उनको गोअभयारण्य में भेजी जाती हैं। उसी कड़ी में निगम की टीम शनिवार सुबह करीब 11 बजे 12 क्वार्टर रोड़ व इंदिरा कालोनी के आस पास के क्षेत्र में बेसहारा पशुओं को पकड़ रही थी।








वीटा बूथ के सामने वाली गली में निगम टीम ने तीन पशुओं को पकड़ कर गाड़ी में चढ़ाकर उनको वह गोअभयारण्य लेकर जा रहे थे तो रास्ते में बाइक सवार दो पशु पालक ढाणी श्यामलाल निवासी रोहित और गोलू उनकी गाड़ी के आगे आ गए। निगम टीम के साथ उन्होंने जोर जबरदस्ती की और गाड़ी से पशुओं को उतार कर ले गए।







निगम कर्मचारियों ने बताया कि उनकी तरफ से गाय खोलने का विरोध करने पर उनको जान से मारने की धमकी भी दी। साथ ही उनके क्षेत्र में दोबारा से पशु पकड़ने के लिए नहीं आने की चेतावनी दी। इस बात अधिकारियों को पता चला तो उनकी तरफ से अब पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखा गया है।





लोगों का कहना है कि जब भी निगम के कर्मचारी किसी भी एरिया में पशुओं को पकड़ने के लिए जाते हैं और गलियों में घूम रहे ऐसा ही पशु समझकर उन्हें पकड़ लेते हैं तो पशुपालक जाकर कहते हैं कि अभी-अभी छुड़वाकर घर से बाहर आया है यह उनके पालतू पशु है इसे छोड़ दो। जब निगम कर्मचारी मना करते हैं तो उनके ऊपर हमले कर दिए जाते हैं। लेकिन शहर के अधिकतर पशुपालक अपने पशुओं को सुबह दूध निकालने के बाद दिन भर उन्हें सड़कों पर घूमने के लिए छोड़ देते हैं और शाम को दूध निकालने के समय फिर घर ले आते हैं। 



पहले भी हो चुका है हमला

नगर निगम की टीम पर पहले भी पशु पकड़ने पर हमला हो चुका हैं। उसमें एक कर्मचारी गंभीर रूप से घायल हुआ था। उसके बाद काफी विरोध हुआ था। पुलिस ने उस समय मामला दर्ज कर उसमें आरोपित को गिरफ्तार भी किया था।


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