Impact of Punjab and Haryana High Court decision on HSSC jobs
ग्रुप सी के पदों के लिए दोबारा टेस्ट होंगे, पहले से नियुक्त हो चुके कर्मचारी अगले परिणाम तक पदों पर बने रहेंगे
हरियाणा न्यूज/चंडीगढ़ : पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार ( Haryana Government jobs) के पदों पर भर्ती में लागू सामाजिक- आर्थिक मानदंड के अंक रद्द कर दिए हैं। सरकार ने बिजली निगमों में सहायक अभियंता की भर्ती में सामाजिक-आर्थिक मानदंड के 20 अंक, ग्रुप सी ( Group C jobs) की भर्तियों में 5 जमा 2.5 (सीईटी में 5 और नोलेज टेस्ट में 2.5) और ग्रुप डी ( Group D Jobs) में 10 अंक देने का प्रावधान किया हुआ था। जस्टिस संजीव प्रकाश शर्मा और जस्टिस सुदीप्ति शर्मा की खंडपीठ ने शुक्रवार को यह फैसला सुनाया। समाचार लिखे जाने तक खंडपीठ का विस्तृत आदेश अपलोड नहीं हो पाया था।
खंडपीठ के सामने दो मामले थे। पहला मामला ग्रुप सी में सीईटी स्कोर को सिंगल बेंच के फैसले की तरफ से रद्द करने पर हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ( Haryana staff selection commission ) की तरफ से दायर अपीलों जबकि दूसरा मामला सामाजिक-आर्थिक मानदंड के अंकों को चुनौती देने वाली याचिकाओं के रूप में खंडपीठ के सामने था। खंडपीठ ने सामाजिक-आर्थिक मानदंड के अंक देने की सरकार की नीति को समानता के अधिकार का उल्लंघन करार देते हुए रद्द कर दिया।
हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ( HSSC ) की तरफ से दायर अपीलें भी खंडपीठ ने रद्द कर दी। गौरतलब है कि बिजली निगमों में सहायक अभियंता की भर्ती में सामाजिक-आर्थिक मानदंड के 20 अंक देने का प्रावधान था। ग्रुप सी में सीईटी में पांच अंक और बाद में नॉलेज टेस्ट में 2.5 अंक देने का प्रावधान था जबकि ग्रुप डी के सीईटी में 10 अंक देने का प्रावधान था।
नियुक्त हुए चयनित उम्मीदवार अगले परिणाम तक नौकरी पर बने रहेंगे : रविंद्र सिंह ढुल
उम्मीदवारों की तरफ से पेश हुए एडवोकेट रविंद्र सिंह ढुल ने हरियाणा न्यूज के पूछने पर खंडपीठ की तरफ से सुनाए फैसले पर कहा, ‘खंडपीठ के सामने सिंगल बेंच के सीईटी स्कोर को रद्द करने पर दायर अपीलें थी। खंडपीठ के सामने सामाजिक-आर्थिक मानदंड के अंकों को चुनौती देने वाली याचिकाएं थीं। खंडपीठ ने खुली अदालत में फैसला सुनाया है। लिखित विस्तृत आदेश अभी तक अपलोड नहीं हो पाया था। खुली अदालत में सुनाए फैसले के अनुसार हरियाणा सरकार की तरफ से नौकरियों में सामाजिक-आर्थिक मानदंड के दिए जा रहे अंकों को रद्द करार दिया गया है। यानी बिजली निगमों में सहायक अभियंता के पद की भर्ती में सामाजिक-आर्थिक मानदंड के जो अंक दिए जा रहे थे, वे अब नहीं मिलेंगे। इसी तरह टीजीटी की भर्ती में ये अंक नहीं मिलेंगे। ग्रुप सी के लिए जो सीईटी आयोजित हुआ था। उसमें ये अंक नहीं मिलेंगे। सामाजिक-आर्थिक मानदंड के अंकों बगैर सीईटी में प्राप्त अंकों के आधार पर रिजल्ट दोबारा घोषित होगा। ग्रुप सी के जो पद विज्ञापित हैं, उन पदों के लिए नए सिरे से नॉलेज टेस्ट लिया जाएगा। नॉलेज टेस्ट लेने के लिए सरकार की नीति अनुसार सीईटी में प्राप्त अंकों के आधार पर छंटनी होगी। इन छांटे हुए उम्मीदवारों में नॉलेज टेस्ट में प्राप्त अंकों के आधार पर चयन होगा। नॉलेज टेस्ट में सामाजिक-आर्थिक मानदंड के जो अंक दिए जाते थे, वे भी नहीं जुड़ेंगे। ग्रुप डी के सीईटी की मेरिट तैयार करते समय सामाजिक-आर्थिक मानदंड के अंक नहीं जुड़ेंगे। खंडपीठ ने यह भी कहा है कि जो उम्मीदवार चयनित होकर नियुक्त हो चुके हैं, वे दोबारा टेस्ट में भाग ले सकते हैं। अगर दोबारा जारी होने वाली सूची में उनका नाम होगा तो वे अपने पद पर बने रह सकते हैं, अन्यथा उन्हें जाना होगा। इस दौरान वे जो नौकरी करेंगे, उसके बदले उन्हें वेतन मिलता रहेगा। नई भर्ती प्रक्रिया छह महीने में पूरी करने के लिए कहा गया है।
टीजीटी का रिजल्ट जारी हो सकेगा, ग्रुप पडी की भर्ती पर कोई असर नहीं होगा : श्रुति जैन
हरियाणा सरकार की सीनियर डिप्टी एडवोकेट जनरल श्रुति जैन गोयल ने हरियाणा न्यूज के पूछने पर कहा, ‘खंडपीठ ने सामाजिक-आर्थिक मानदंड के अंक समाप्त कर दिए हैं। आयोग की तरफ से दायर अपीलें रद्द हो गई हैं। अब ग्रुप सी के सीईटी का स्कोर सिर्फ प्राप्त अंकों के आधार पर बनेगा। इसमें सामाजिक-आर्थिक मानदंड के अंक नहीं जुड़ेंगे। ग्रुप सी पदों पर नॉलेज टेस्ट दोबारा होगा। ग्रुप डी के सीईटी में सामाजिक- आर्थिक के अंक नहीं जुड़ेंगे। चूंकि ग्रुप डी का रिजल्ट बिना सामाजिक-आर्थिक मानदंड के अंकों के घोषित हुआ है इसलिए उनके चयन पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। टीजीटी के 7471 पदों का रिजल्ट घोषित हो सकेगा क्योंकि इसमें सामाजिक-आर्थिक मानदंड के अंक नहीं जुड़ेंगे। एक्सपीरियंस का मामला भी इन्हीं नंबरों से जुड़ा था। ग्रुप सी के जो उम्मीदवार नियुक्त हो चुके हैं, वे तब तक नौकरी पर बने रहेंगे जब तक दोबारा रिजल्ट जारी नहीं हो जाता।
सामाजिक-आर्थिक मानदंड के अंकों को असंवैधानिक करार दिया गया है : रजत मोर
कुछ उम्मीदवारों की तरफ से पेश हुए एडवोकेट रजत मोर ने दैनिक सवेरा के पूछने पर कहा, ‘खंडपीठ ने सामाजिक-आर्थिक मानदंड के अंकों को असंवैधानिक करार दिया है। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की तरफ से दायर अपीलें रद्द हो गई हैं। याचिकाएं स्वीकार हो गई हैं। ग्रुप सी पदों के लिए दोबारा पेपर होंगे। ग्रुप सी सीईटी का रिजल्ट बिना सामाजिक-आर्थिक अंकों के बनेगा। उसके आधार पर भर्ती की अगली प्रक्रिया होगी। विस्तृत आदेश की प्रतीक्षा है।
हमारी याचिका स्वीकार हुई थी, आयोग ने अपीलें दायर की, वे रद्द हुई : अंकुर सिधार
सीईटी स्कोर को चुनौती देने वाले उम्मीदवारों की तरफ से पेश हुए एडवोकेट अंकुर सिधार ने दैनिक सवेरा के पूछने पर कहा, ‘हमने ग्रुप सी सीईटी स्कोर में सामाजिक-आर्थिक आधार पर दिए गए अंकों की वेरिफिकेशन न होने के कारण चुनौती दी थी। सिंगल बेंच ने हमारी याचिका स्वीकार कर ली थी और सीईटी स्कोर दोबारा बनाने के लिए कहा था। मगर आयोग ने अपीलें दायर कर दीं। अपीलों पर अंतरिम आदेश के तहत ग्रुप संख्या 56, 57 का पेपर लेने की अनुमति मिल गई थी और बाद में अन्य ग्रुपों का पेपर लेने की भी अनुमति मिल गई थी। इस दौरान आयोग ने पेपर ले लिए और रिजल्ट घोषित कर दिए। अब खंडपीठ ने अपीलें रद्द कर दी। इसका मतलब अंतरिम आदेश और अंतरिम आदेशों पर हुई कार्रवाई ही समाप्त हो गई। सामाजिक-आर्थिक मानदंड के अंक भी खंडपीठ ने रद्द कर दिए। अब आयोग को सीईटी में प्राप्त अंकों के आधार पर ग्रुप सी पदों का दोबारा पेपर लेने होंगे। तब तक जो पहले से नियुक्त हो गए हैं, वे नौकरी करते रहेंगे। अगर उनका नंबर दूसरी सूची में आ गया तो ठीक है, अन्यथा उन्हें हटना पड़ेगा।
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