Jobs in Hansi ranging from 50 rupees per day to 8 thousand rupees per month, no mercy for those who employ child labour
बाल मजदूरी पर पूर्ण अंकुश लगाने के लिए चलाया जाएगा सघन अभियान: एसडीएम मोहित महराणा
हरियाणा न्यूज टूडे/सुनील कोहाड़।
हांसी की ताजा खबर: भूखा आदमी पेट भरने के लिए तरह-तरह के प्रयास करता है। ऐसे ही कुछ लोग अपने आमदनी बढ़ाने के लिए अपने बच्चों को छोटी उम्र में ही काम धंधे पर लगा देते हैं और दुकानदार भी काम रुपए में काम करने वाले मिलने पर इन मासूमों को रख लेते हैं। प्रतिदिन की ₹50 की दिहाड़ी से लेकर₹8000 महीने तक इन मासूम बच्चों को पहना ना देने का मामला हांसी से सामने आया है।
बाल मजदूरी पर पूर्ण अंकुश लगाने के लिए उपमंडल प्रशासन ने कमर कस ली है। एसडीएम मोहित महराणा ने सोमवार को संबंधित सभी विभागों के अधिकारियों की बैठक ली। इस बैठक में बचपन बचाओ आंदोलन के राज्य संयोजक पुनीत शर्मा भी उपस्थित रहे।
हांसी की इन मार्केटों में चला बाल मजदूरी पर अभियान
आटो मार्केट, गांधी मार्केट, अम्बेडकर चौक , तोशाम चुंगी हांसी से काम करते हुए कुछ बच्चो को प्रशासन ने मुहिम चलाकर काम करते हुए बाल मजदूरों को मुक्त करवाया गया है।
हांसी में नौकरी
1. हैप्पी मोटर गैराज गांधी मार्केट पर काम, दुकान मालिक सुनील , समय सुबह 8.30 बजे से शाम 6.00 बजे तक 100 रुपये प्रति सप्ताह
2. चन्द्र इन्जिनीयर वर्कस तोशाम चुंगी हांसी पर काम, दुकान मालिक चन्द्र
डयूटी टाईम सुबह 9.30 बजे से शाम 8.00 बजे तक 5000/- रुपये प्रति माह
3 हिसार सोकर वर्कस हांसी पर काम, दुकान मालिक सन्नी अरोड़ा, ओल्ड आटो मार्केट 156 , डयूटी टाईम सुबह 9.30 बजे से शाम 7.00 बजे तक जो प्रति दिन 50 रुपये।
4. मनोचा सीट कार्नर पर काम, दुकान मालिक अभिषेक अम्बेडकर चौंक हांसी। डयूटी टाईम सुबह 8.00 बजे से शाम 5.00 बजे तक जो प्रति माह पर 5000/-रुपये।
5. कंसल शुद्ध वेष्णो भोजनालय अंबेडकर चौंक हांसी, दुकान मालिक अजमेर सिंह ।
डयूटी टाईम सुबह 7.00 बजे से रात 11.00 बजे तक 8000/- रुपये प्रति महीना।
6. देवी राम मिस्त्री होन्डा वर्कस अम्बेडकर चौक हांसी, दुकान मालिक देवी राम। डयूटी टाईम सुबह 9.00 बजे से शाम 7.00 बजे तक। वेतन काम सीख जाने के बाद।
एसडीएम ने बैठक में उपस्थित अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि किसी भी सूरत में बाल मजदूरी सहन नहीं की जाएगी। इसकी रोकथाम के लिए ऑपरेशन स्माईल के अंतर्गत तुरंत एक सघन अभियान चलाकर बाल मजदूरी संभावित स्थलों पर छापेमारी करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि इस दौरान जिन बच्चों का रेस्क्यू किया जाए, उन सभी बच्चों को सरकारी विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं से जोड़कर समाज की मुख्य धारा में शामिल किया जाए।
उन्होंने कहा कि बच्चों के अभिभावकों को भी शिक्षा के महत्व बारे जागरूक करें ताकि फिर कभी भी उनका बाल मजदूरी जैसी दलदल में प्रवेश न हो। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों रेस्क्यू किए जाने वाले तमाम बच्चों का मेडिकल चेकअप करने, स्वास्थ्य कार्ड बनाने, श्रम विभाग के अधिकारियों को परिवार का श्रम कार्ड बनाने, बैंक खाता खुलवाने, शिक्षा विभाग के अधिकारियों को स्कूलों में दाखिला करवाने तथा अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों को तमाम योजनाओं से लाभान्वित करने के निर्देश दिए।
एसडीएम ने कहा कि पिछले वर्ष ऑपरेशन स्माइल के तहत अभियान चलाया गया था। इस अभियान के तहत संभावित क्षेत्रों तथा स्थान पर छापेमारी करके प्रदेश भर से लगभग 2100 बच्चों को रेस्क्यू किया गया था। उन्होंने कहा कि अभियान कितना भी लंबा चलना पड़े, चलाएं लेकिन बाल मजदूरी कुप्रथा हर हाल में उपमंडल से खत्म हो जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि बाल मजदूरी रोकथाम के लिए दिए गए निर्देशों के तहत हुए प्रयासों की समय-समय पर समीक्षा की जाएगी। उन्होंने पुलिस विभाग के अधिकारियों से कहा कि वह बैठक में दिए गए निर्देशों के संबंध में सभी पुलिस थानों तथा चौकियों को अवगत करवा दे ताकि आवश्यकता पड़ने पर अविलंब कार्यवाही अमल में लाई जा सके।
बैठक के तुरंत बाद गठित टीम ने की छापेमारी, पांच बच्चों को किया रेस्क्यू: एसडीएम मोहित महराणा के निर्देशानुसार गठित टीम ने शहर में कई जगह छापेमारी की इस दौरान टीम द्वारा पांच बच्चों का रेस्क्यू किया गया। इस टीम में संबंधित पांच विभागों के अधिकारी शामिल रहे। दोपहर बाद भी छापेमारी अभियान जारी रहा। टीम के सदस्यों ने बताया कि हर उस संभावित जगह पर छापेमारी की जाएगी जहां बाल मजदूरी होने की आंशका है। यह अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक यहा से बाल मजदूरी पूरी तरह से खत्म नहीं हो जाती।
इस अवसर पर नायब तहसीलदार दयाचंद, नगर परिषद से एम ई जयवीर सिंह, जिला बाल संरक्षण अधिकारी सुनीता यादव , विनोद कुमार लेबर इंस्पेक्टर, पुलिस विभाग से एएसआई प्रदीप कुमार सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
भले ही फिल्म और नाटकों में काम करने वाले छोटे बच्चों को हम सब बाल कलाकार समझते हैं और खूब तालियां बजाते हैं साथ ही बसों रेल गाड़ियों सहित अन्य जगहों पर छोटे-छोटे मासूम बच्चों को भीख भी मांगते देखा होगा। लेकिन प्रशासन इन पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा जबकि अपना पसीना बहा कर रोजी-रोटी कमाने वाले गरीब परिवारों के मासूम बच्चों के मुंह सनी वाला सिलने का काम प्रशासन और सरकारें जरूर कर लेते हैं।
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