Demonstration against doctor of PMC hospital of Hansi
मजदूरों के साढ़े बाइस हजार रुपए न देने का आरोप, और डॉक्टर ने मजदूरों पर लगाए सिलेंडर चोरी करने व जान से मारने की धमकी देने के आरोप
मजदूरों ने अस्पताल के बाहर धरना देकर नारेबाजी
हरियाणा न्यूज हांसी / विमल : त्रिकोणा पार्क के पास स्थित पीएमसी हॉस्पिटल में मंगलवार को मजदूरों ने हंगामा कर दिया। मजदूरों का आरोप है कि अस्पताल के डॉक्टर पंकज इलावादी ने उनकी मजदूरी के करीब 31 हजार रुपए गबन कर लिए हैं। डॉक्टर पर आरोप है कि मजदूरों ने जब डॉक्टर से मजदूरी के रुपए मांगे तो डॉक्टर ने उनको देख लेने की धमकी दी, और डॉक्टर ने मजदूरों को अस्पताल से बाहर निकाल दिया। मजदूरों की अगुवाई कर रहे प्रधान सुबे सिंह व जगदीश वर्मा ने बताया कि उन्होंने पीएमसी अस्पताल में फर्नीचर फिटिंग सहित अन्य लकड़ी का कार्य किया था। जिसमें से उनके साढ़े बाईस हजार रुपए लेने रह गए थे।
मजदूरों का आरोप है कि डॉक्टर ने यह रुपए देने से मना कर दिया। मजदूरों का कहना है कि डॉक्टर ने एक मजदूर को झूठा एडमिट दिखाकर करीब 16000/ रुपए का बिल बना दिया। मजदूरों का कहना है कि उनका कोई मजदूर बीमार हुआ ही नहीं और ना ही अस्पताल में एडमिट हुआ। मजदूरों ने बताया कि डॉक्टर ने उन्हे साढ़े बाईस हजार में से 16000/रूपए काट के पेमेंट करने की बात कही। जब मजदूरों ने बीमार व एडमिट हुए मजदूर की डिटेल मांगी तो उनकी डॉक्टर के साथ में बहसबाजी हो गई। कारपेंटर एसोसियशन के प्रधान सूबेसिंह का कहना है कि यह काफी पुरानी बात है उसके बाद कई बार हिसाब हो चुका है परंतु इन्होंने कभी भी बिमारी के पैसों का जिक्र नहीं किया। पैसों के लिए डाक्टर को दो बार नोटिस भी भेजा गया है परंतु इसने कोई जबाव नहीं दिया। इसके बाद मजदूरों ने सुबह करीब 11 बजे हॉस्पिटल के बाहर डॉक्टर के खिलाफ नारेबाजी की और विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।
इस बारे में जब पीएमसी अस्पताल के डॉक्टर पंकज इलावादी से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि बाहर प्रदर्शन करने वाले मजदूरों ने उनके अस्पताल में गैस सिलेंडर की चोरी की है और डॉक्टर ने मजदूरों पर आरोप लगाया कि इन्होंने जान से मारने की भी धमकी दी है। वहीं मजदूरों ने डॉक्टर द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को झूठा बताया है। हंगामा होने के बाद डॉक्टर ने कुछ मजदूरों को हिसाब करने के लिए अपने केबिन में बुलाया। केबिन के अंदर करीब आधा घंटे तक मजदूरों व डॉक्टर के बीच हिसाब पर विचार विमर्श होता रहा। मजदूर जगदीश ने बताया की उन्होंने डॉक्टर की बात मानकर 21 हजार रुपये में हिसाब नक्की किया। आरोप है की कुछ देर बाद डॉक्टर ने 21000 देने से भी मना कर दिया। इसके बाद मजदूरों ने डॉक्टर के केबिन में जमकर हंगामा किया, फिर मजदूरों ने अस्पताल के बाहर धरना शुरू कर दिया। अस्पताल के कर्मचारियों द्वारा धरने पर बैठे मजदूरों के साथ भी बदतमीजी की गई। मजदूरों पर धरना उठाने का दबाव बनाया गया। मजदूरों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनकी मजदूरी के रुपए उन्हें नहीं मिले तो वे यहां भूख हड़ताल शुरू करेंगे।
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