The future of 60000 children of 10th & 12th in Haryana is at stake
हरियाणा के 1032 अस्थाई मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों ने नहीं भरी बॉण्ड राशि
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प्रतिकात्मक फोटो। |
क्या सरकार भी है बराबर की जिम्मेदार ? शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने इन स्कूलों को बॉण्ड राशि भरने के दिए निर्देश
हरियाणा न्यूज चंडीगढ़ : हरियाणा के 1032 अस्थाई मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों ने सरकार के कहे अनुसार बॉण्ड राशि नहीं भरी है। जिसके चलते इन स्कूलों की 10वीं और 12वीं कक्षा में पढ़ रहे करीब 60000 बच्चों का भविष्य दाव पर लग गया है। क्योंकि इन स्कूल संचालकों ने अभी तक बोर्ड कक्षाओं में पढ़ने वाले बच्चों की बोर्ड परीक्षाओं के फार्म नहीं भरे हैं। साथ ही इन बच्चों का भविष्य दाव पर लगने के मामले में कहीं न कहीं क्या सरकार भी बराबर की दोषी है ?
वहीं, बच्चों के भविष्य को देखते हुए एक बार पुन अतिरिक्त मुख्य सचिव शिक्षा विभाग सुधीर राजपाल ने पत्र जारी करके इन स्कूलों को बॉण्ड राशि भरने के आदेश जारी किए हैं ताकि बच्चों का भविष्य सुरक्षित किया जा सके। वहीं, प्रदेश की निजी स्कूल एसोसिएशन का कहना है कि सरकार बॉण्ड राशि भरने में छूट देकर बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करे। दरअसल, इन स्कूलों को दो साल की मान्यता देने की बात इस शर्त के तहत कही गई थी कि ये स्कूल पहले सरकार द्वारा निर्धारित बॉण्ड राशि जमा करवाएंगे। जिसके बाद इन्हें दो साल की मान्यता एक्सटेंशन के तौर पर दी जाएगी ताकि ये स्कूल उन दो साल में अपनी मान्यता हासिल कर लें। मगर अधिकतर स्कूलों ने आज तक सरकार द्वारा निर्धारित बॉण्ड राशि जमा नहीं कराई है।
सरकार के पत्र मुताबिक पहली से पांचवीं तक प्राइमरी स्कूल को एक लाख रुपये, पहली से आठवीं तक मिडल स्कूल को डेढ़ लाख रुपये और सेकेंडरी व सीनियर सेकेंडरी स्कूल को दो लाख रुपये बॉण्ड राशि जमा करानी थी।
ये रखी थी अहम शर्तें
स्कूल शिक्षा नियम 2003 के प्रारंभ होने से पहले चल रहे गैर मान्यता प्राप्त स्कूल को 31 मार्च 2024 तक पहली मंजिल वा दूसरी मंजिल का निर्माण करना होगा। प्रत्येक स्वर के लिए रैंप लिफ्ट की सुविधा प्रदान करनी होगी। यदि संबंधित स्कूल पहली मंजिल का निर्माण करता है तो भूमि मानदंडों में 20 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। यदि संबंधित स्कूल दूसरी मंजिल का निर्माण करता है तो स्कूल शिक्षा नियम में मौजूदा स्कूलों के लिए निर्धारित भूमि मानदंडों में पांच प्रतिशत अतिरिक्त छूट दी जाएगी।
बशर्त कुल ग्राउंड कवरेज 60 प्रतिशत से अधिक न हो। संबंधित स्कूल एक वचन पत्र प्रस्तुत करेगा कि वह 31 मार्च 2024 तक इन दिशानिर्देशों में निर्धारित अपने बिल्डिंग मानदंडों को पूरा कर लेगा और बैंक गारंटी या फिक्स्ड के रूप में एक आश्वासन राशि जमा करेगा। माध्यमिक, सीनियर के मामले में जमा राशि निदेशक माध्यमिक शिक्षा के पक्ष में गिरवी रखी जाएगी।
माध्यमिक या प्राथमिक स्कूल के मामले में निदेशक प्रारंभिक शिक्षा और संबंधित डीईओ, डीईईओ के कार्यालय में जमा करें। यह भी कहा था कि यदि ऐसा कोई भी स्कूल अगले चरण 31 मार्च 2024 तक स्थायी मान्यता प्राप्त करने में विफल रहता है तो आश्वासन राशि जब्त कर ली जाएगी और संबंधित स्कूल द्वारा चलाई जा रही अस्थाई कक्षाएं स्थायी रूप से बंद कर दी जाएंगी।
सरकार भी बराबर की जिम्मेदार
प्राइवेट स्कूल संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सतपाल कुंडू का कहना है कि इस मामले में सरकार भी बराबर की जिम्मेदार है। सरकार ने इन निजी स्कूलों द्वारा बॉण्ड राशि भरने के बाद दो साल की एक्सटेंशन देने की बात मई माह में कहीं थी। साथ ही कहा था कि बॉण्ड राशि भरने वाले स्कूलों को दो साल तक मान्यता लेने का समय दिया जाएगा। मई में मुख्यमंत्री और स्कूल शिक्षा मंत्री से हुई बातचीत के बाद विभाग ने इस पर पत्र जारी करने में पांच माह का समय जाया कर दिया।
शिक्षा विभाग द्वारा 20 अक्तूबर 2023 को पत्र जारी किया गया। जिस कारण ये स्कूल बॉण्ड राशि नहीं भर पाए। इस पत्र के बाद अब एसीएस की तरफ से पुन पत्र जारी करके बॉण्ड राशि भरने का आदेश पत्र जारी किया गया है। मगर स्कूल बॉण्ड राशि में छूट देने की बात कह रहे हैं। इन सबके बीच 60000 बच्चों का भविष्य दाव पर लग गया है। सरकार को चाहिए था कि समय रहते पत्र जारी करके इन स्कूलों से बॉण्ड राशि भरवाती और एक निश्चित समयावधि तक बॉण्ड राशि न भरने वाले स्कूलों पर कार्यवाही करती ताकि 60000 बच्चों का भविष्य दाव पर लगने से बचाया जा सकता।
बोर्ड परीक्षाओं के फार्म भरने की अंतिम तारीख निकल चुकी है। अभी ओपन के बच्चों के फार्म भरने की अंतिम तारीख 10 जनवरी है। अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलों के मामले में जल्द कोई निर्णय लेकर बच्चों का भविष्य सुरक्षित करना चाहिए। अगर इन स्कूलों को बॉण्ड राशि भरने के बाद एक्सटेंशन मिलती है तो बोर्ड पोर्टल खोलने पर विचार कर सकता है। मगर यह सब जल्द होना चाहिए ताकि समय रहते परीक्षाओं के संबंध में औपचारिकताएं पूरी की जा सकें।
डॉ. बीपी यादव, चेयरमैन,
हरियाणा स्कूल शिक्षा बोर्ड।
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