हरियाणा में कांग्रेस का टूटा एसआरके गुट, अब केवल एसआर होगा एसआरबी गुट, इनके कांग्रेस छोड़ने से कांग्रेस मजबूत होगी या कमजोर, कमेंट करें

SRK faction of Congress broke in Haryana, Kiran, Shruti Chaudhary said goodbye to Congress, SR will become SRB faction,

FB_IMG_1718726276112 हरियाणा में कांग्रेस का टूटा एसआरके गुट, अब केवल एसआर होगा एसआरबी गुट, इनके कांग्रेस छोड़ने से कांग्रेस मजबूत होगी या कमजोर, कमेंट करें
श्रुति चौधरी और किरण चौधरी।

हरियाणा न्यूज/भिवानी: हरियाणा में एसआरके गुट यानि सैलजा,  रणदीप और किरण चौधरी का गुट बिखर गया है। क्योंकि किरण चौधरी और उसकी बेटी श्रुति चौधरी ने कांग्रेस को अलविदा कह दिया और अब वो बुधवार को भाजपा का  दामन थाम सकती हैं। उन्होंने अपना त्यागपत्र कांग्रेस अध्यक्ष  खडग़े को भेजा है और पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा पर निशाना साधते हुए लिखा है कि उन्होंने पार्टी को अपनी जागीर समझ लिया है  और बार बार उन्हें बेइज्जत किया जा रहा है। 

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श्रुति चौधरी का कांग्रेस को त्याग पत्र।

कांग्रेस की गुटबाजी किसी से छिपी हुई नहीं है  और कांग्रेस के एक एक नेता कांग्रेस को छोड़ भाजपा का दामन थाम रहे हैं। उन्हीं नामों में आज दो नाम ओर शामिल  हो गए। जिनमें तोशाम विधानसभा से विधायक किरण चौधरी और उनकी बेटी पूर्व सांसद श्रुति चौधरी हैं। उन्होंने बिना किसी का का नाम लिए हुड्डा पर आरोप लगाया है कि नाराज होकर पार्टी छोड़ रही हैं। क्योंकि पूर्व सीएम बार बार उन पर  निशाना साधते हैं और उनकी हर बार बेइज्जती करते हैं। 

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तोशाम से विधायक किरण चौधरी ने कांग्रेस को लिखा अपना त्यागपत्र।

हरियाणा कांग्रेस में एसआरके गुट काफी सुर्खियों में रहा है। जिनमें कुमारी सैलजा, रणदीप सिंह सुरजेवाला, किरण चौधरी के नाम से बनाया  गया  है। इस गुट के  किसी भी नेता ने  अब तक  कांग्रेस के हरियाणा अध्यक्ष उदयभान व पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के फोटो को अपने पोस्टरों में जगह नहीं  दी। बल्कि अपनी खिचड़ी अलग ही पकाते रहे हैं। असल में किरण चौधरी भिवानी-महेन्द्रगढ़  लोकसभा सीट से अपनी बेटी श्रुंति चौधरी के लिए टिकट मांग रही थी। लेकिन टिकट बंटवारे में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष उदयभान  व पूर्व मुख्यमंत्री के कारण टिकट राव दान सिंह को मिल गई और उसी दिन से किरण चौधरी और उनकी बेटी नाराज हो गई। जिन पर इस चुनाव में राव दान सिंह को हराने का आरोप भी लगाया गया है। वहीं किरण चौधरी ने राहुल गांधी के सामने आरोप लगाया था  कि उन्हें कार्यक्रमों की जानकारी नहीं दी जा रही है और ना ही उनके फोन रिसिव किए जा रहे हैं।   

वहीं किरण चौधरी पर राज्यसभा  चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार के पक्ष  में मतदान ना करके भाजपा समर्थित उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करने का आरोप लग चुका है। क्योंकि कांग्रेस का  एक वोट कैंसिल होने के कारण भाजपा समर्थित उम्मीदवार चुनाव  जीत गया था। आरोप है  कि तोशाम से विधायक किरण चौधरी ने जानबुझकर अपना वोट कैंसिल करवाया है। ताकि भाजपा समर्थित उम्मीदवार को इसका फायदा मिल सके। 

क्या अब एसआरके गुट बनेगा एसआरबी गुट

हरियाणा कांग्रेस का एसआरके गुट काफी महसूर गुट रहा है। इस गुट की तिगड़ी ने कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सहित पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र हुड्डा की राहों  में हर जगह कांटें बोने का नाम लिया जा रहा है।  लेकिन अब किरण चौधरी के छोडऩे के बाद क्या अब  एसआरके गुट एसआर गुट रहेगा या फिर एसआरबी गुट बन जाएगा। क्योंकि दस साल बाद पूर्व केन्द्रीय मंत्री और उनके बेटे बृजेन्द्र सिंह दौबारा से कांग्रेस में शामिल हो गए हैं  और वो  दोनों बाप बेटे भी पूर्व मुख्यमंत्री के धुर विरोधी हैं। इसका खुलासा  हिसार लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी रहे एवं मौजूदा  सांसद जयप्रकाश उर्फ  जेपी भी लगा चुके हैं। क्योंकि चौधरी बीरेन्द्र सिंह हुड्डा समर्थित किसी भी उम्मीदवार के समर्थन में प्रचार करने नहीं उतरे बल्कि सिरसा लोकसभा सीट से प्रत्याशी रही मौजूदा सांसद कुमारी सैलजा के नामांकन सहित अनेक कार्यक्रमों में वो आगे रहे हैं। 

आपको बतां दें कि हरियाणा में भाजपा  के खिलाफ केवल पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुडड़ा के नेतृत्व में कांग्रेस को मजबूत माना जा रहा है। क्योंकि हरियाणा के हर विधानसभा में हुड्डा  की टीम और कार्यकत्र्ता मजबूत हैं जबकि अन्य के नेता व कार्यकत्र्ता अपनी ही  पार्टी के नेताओं को हराने व  नीचा दिखाने के लिए  कोई कोर कसर नहीं छोड़ते।  ये जरूर है कि हुड्डा  खेमें में भी ऐसे भी कुछ नेता हैं जो खुद के परिवार के वोट कांग्रेस को नहीं दिलवा सकते  और छोटे अखबारों व सोशल मीडिया पर  पोस्ट डालकर हुड्डा और कांग्रेस पार्टी की नजरों में वाहवाही लूटने में लगे हुए हैं। ऐसे में पार्टी को ऐसे झोलाछाप नेताओं  से सावधान रहने की जरूरत  है। 

कांग्रेस पार्टी में ही नहीं बल्कि अब तो भाजपा पार्टी में भी गुटबाजी चरम सीमा पर पहुंच गई है। इसका सीधा उदाहरण हिसार लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी रणजीत सिंह के अलावा सोनीपत लोकसभा सीट से प्रत्याशी रहे बड़ौली भी अपनी ही पार्टी के नेताओं पर हार का ठिकरा फोड़ चुके हैं। इसके अलावा सिरसा लोकसभा सीट से भाजपा के  उम्मीदवार अशोक तंवर ने भी हार का जिम्मेवार भाजपा  नेताओं को ठहराया है। यहां तक की  हिसार लोकसभा सीट से प्रत्याशी रणजीत सिंह ने तो पूर्व वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु, भाजपा के वरिष्ठ नेता कुलदीप बिश्रोई, रणधीर पनिहार सहित हाल ही में भाजपा के राज्यसभा सांसद बने सुभाष बराला पर  आरोप लगाया है। 

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