संस्कृत और संस्कृति है भारत की पहचान : सतीश कुमार

Sanskrit and culture are the identity of India: Satish Kumar

गुरुकुल आर्यनगर में संस्कृत भारती के दस दिवसीय भाषा प्रबोधन वर्ग की शुरुआत

Hisar News : संस्कृत भारती के दस दिवसीय भाषा प्रबोधन वर्ग की गुरुकुल आर्यनगर में बुधवार से शुरुआत हो गई। उद्घाटन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि समाजसेवी भूपेंद्र पनिहार रहे। अध्यक्षता गुरुकुल संचालन समिति के मंत्री और अधिवक्ता लालबहादुर ख़ोवाल ने की। मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला कार्यवाह सतीश कुमार रहे। सारस्वत अतिथि के रूप में जिला संघ चालक भूपेंद्र जी रहे।

मुख्य वक्ता सतीश कुमार ने कहा कि संस्कृत केवल मातृभाषा नहीं है। ये भारतीय संस्कृति की संवाहक है। यदि भारत को जानना है तो संस्कृत और संस्कृति की पहचान जरूरी है। उन्होंने कहा कि संस्कृत भारती संस्कृत के प्रचार प्रसार में जो कार्य कर रही है। उसका सीधा प्रभाव भारतीय जनमानस पर पड़ रहा है। संस्कृत के प्रति हमारा भी दायित्व बनता है कि इस अभियान में हम सब पूरी निष्ठा से सहयोग दें।

मुख्य अतिथि और नलवा विधायक के पुत्र भूपेंद्र पनिहार ने कहा कि राष्ट्र निर्माण में युवाओं को भूमिका महत्वपूर्ण होती है। इस बारे में संस्कृत भारती के इस प्रबोधन वर्ग में पहुंचे सभी छात्र- छात्राओं की नैतिक जिम्मेदारी भी बनती है कि वे संस्कृत संभाषण में दक्ष होकर संस्कृत और संस्कृति के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में अपना सहयोग प्रदान करे। विभाग संयोजक शैलेन्द्र सिंह ने बताया कि शिविर में 70 से अधिक छात्र पहुंचे है। दस दिन तक यहां पूर्णतया संस्कृत वातावरण रहेगा। इस तरह के वर्ग से संस्कृत भारती संस्कृत संभाषण में दक्ष बनाने का कार्य करती है।

इस अवसर पर गुरुकुल संचालन समिति अध्यक्ष रामकुमार आर्य, वर्गाधिकारी दलीप सिंह, संस्कृत भारती के प्रांत कोष प्रमुख डा.सुरेश कुमार, विभाग संयोजक डॉ.शैलेंद्र सिंह, विभाग सह संयोजक सुशील शास्त्री, जिला मंत्री राजकुमार, शिक्षण प्रमुख देवांश कृष्ण, प्राचार्य सुरेश कुमार, सुनील फतेहाबाद, सुलेंद्र डीपी, विजेंद्र शास्त्री, डॉ.राजबीर, डॉ.मुकेश कुमार, राधाकृष्ण नारंग, प्रवीण कुमार आदि मौजूद रहे।

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