New bride becomes district officer after 7 days of marriage
सेवानिवृत्त सब इंस्पेक्टर बोला हमारी बहू नहीं बेटी है डॉ. मोनिका
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डॉ. मोनिका परिजनों के साथ। |
हरियाणा न्यूज टूडे/रवि कुमार।
सिरसा की ताजा खबर: बेटियां बोझ नहीं, वरदान है। ये शब्द सिरसा के एक परिवार ने चरितार्थ किए है। शहर के प्रेम नगर में विवाहिता की डीएचओ पद पर नियुक्ति हुई है। विवाहिता मोनिका ने बताया कि 6 दिन पूर्व उसकी शादी सिरसा में विकास लांग्यान से हुई। आज जब परीक्षा का रिजल्ट आया तो मालूम हुआ कि उसे डीएचओ के पद पर नियुक्त किया गया है। मोनिका ने बताया कि वे डॉक्टर बनना चाहती थी लेकिन किन्ही कारणोंं के चलते नहीं बन पाई। इसके बाद कृषि क्षेत्र चयनित किया, तो वे इस क्षेत्र में निरंतर आगे बढ़ती रही। अब वे डीएचओ के मुकाम तक पहुंची है।
पुलिस विभाग से सब इंस्पेक्टर के पद से सेवानिवृत्त हुए राजकुमार ने बताया कि हमने कभी बेटी-बहु में फर्क नहींं किया। मोनिका की इस उपलब्धि में मेहनत मोनिका की है। जो अब अपनी मेहनत से मोनिका मिसाल बनी है। मोनिका के पति विकास लांग्यान ने बताया कि आईपीएस विद्यालय की एलुमनाई डॉ. मोनिका बागवानी विभाग में अधिकारी के पद पर चयनित हुई है। बता दे कि गांव खुडाना निवासी डॉ. मोनिका खींची एक साधारण किसान परिवार से संबंध रखती है। उनके पिता नरेंद्र कुमार राजकीय विद्यालय पालड़ी में अध्यापक के पद पर कार्यरत हैं। उनकी एक बहन गृहणी, दूसरी बहन केंद्रीय सरकार में सीनियर ऑडिटर तथा तीसरी बहन मेडिकल ऑफिसर के पद पर कार्यरत है। छोटा भाई योगेश कुमार भी डॉक्टर मोनिका के कदमों का अनुसरण करते हुए एमएससी हॉर्टिकल्चर विषय से शोधरत है।
मोनिका ने मेडिकल संकाय से 12वीं की कक्षा आरपीएस सीनियर सेकेंडरी स्कूल खटोड़ से करने के बाद बीएससी एग्रीकल्चर जयपुर यूनिवर्सिटी तथा एमएससी और पीएचडी चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय हिसार से की। मोनिका पहले ही प्रयास में जिला बागवानी अधिकारी के पद पर नियुक्त हुई है। जो क्षेत्र के साथ-साथ सभी के लिए गौरव की बात है। मोनिका पढऩे में शुरू से ही होशियार रही तथा यूनिवर्सिटी में भी वह प्रथम स्थान पर रही। बीते वर्ष केंद्रीय स्तर पर आयोजित एग्रीकल्चर विषय की संगोष्ठी में बनारस विश्वविद्यालय में हरियाणा का प्रतिनिधित्व करते हुए जिले व प्रदेश का नाम रोशन किया था। वही सिरसा से सेवानिवृत्त सब इंस्पेक्टर राजकुमार ने बताया कि उन्होंने कभी भी बहू को बहू नहीं बल्कि बेटी माना है और उन्हें अपने दोनों बेटे व दोनों बहूओं पर गर्व है।
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