Fraud in the name of going abroad, young man faced death due to torture abroad
Hisar News : विदेश जाने की चाहत में एक युवक को ना सिर्फ अपने जीवन की सबसे भयानक यात्रा का सामना करना पड़ा, बल्कि उसे भारी आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ा। ये मामला हिसार जिले के आदमपुर से सामने आया है, जहां एक युवक ने ट्रैवल एजेंट पर 35 लाख रुपये लेकर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है। पीड़ित युवक ने पुलिस को लिखित शिकायत दी है और आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है।
विदेश जाने की इच्छा ने फंसाया जाल में
मोडाखेड़ा गांव के निवासी पंकज ने अमेरिका जाने के लिए हिसार के ट्रैवल एजेंट मनीश और उसके पिता रामसिंह पर भरोसा किया। ये दोनों हिसार जिले के ढाणी मोहब्बतपुर गांव के रहने वाले हैं और फिलहाल अमेरिका के कैलीफोर्निया में रहते हैं। मनीश ने पंकज को अमेरिका भेजने के लिए 35 लाख रुपये की मांग की, जिसे पंकज ने रामसिंह को सौंप दिया।
विदेश जाने की प्रक्रिया और धोखाधड़ी की शुरुआत
पंकज को अमेरिका पहुंचाने के लिए एक अन्य एजेंट अब्दुल से संपर्क कराया गया। अब्दुल ने पासपोर्ट और वीजा की प्रक्रिया के लिए उसे दिल्ली बुलाया और भरोसा दिलाया कि वह 30-40 दिनों में अमेरिका पहुंच जाएगा। कुछ दिनों बाद पंकज को गुआना देश का वीजा दिलवाया गया और 7 अक्टूबर 2024 को उसने दिल्ली से यात्रा शुरू की।
खतरनाक यात्रा की शुरुआत
11 अक्टूबर को वह गुआना देश पहुंचा, जहां से उसे डोंकर (अवैध रूप से लोगों को विदेश पहुंचाने वाले एजेंट) ने रिसीव किया। अगले ही दिन उसे अवैध तरीके से ब्राजील की सीमा पार करवाई गई। इसके बाद उसे 6 अलग-अलग फ्लाइटों में ब्राजील में घुमाया गया और फिर अवैध तरीके से बोलीविया, पेरू, इक्वाडोर और कोलंबिया पहुंचाया गया।
जानलेवा जंगल यात्रा
कोलंबिया में 10-15 दिन रुकने के बाद पंकज को कपूरगाना टापू भेजा गया। यहां से उसे एक किश्ती में बैठाकर समुद्र के रास्ते पनामा जंगल में छोड़ दिया गया। जंगल में 40 लोगों का ग्रुप था, जिसमें महिलाएं और बच्चे भी थे। डोंकरों ने सभी से मोबाइल फोन ले लिए और उन्हें बिना खाने-पीने के पैदल चलने के लिए मजबूर किया। इस सफर में कई खतरनाक पहाड़ियां और नदियां पार करनी पड़ीं।
खतरनाक कैद और यातना
दो दिन जंगल में चलने के बाद उसे टीन के एक पुराने घर में बंद कर दिया गया, जहां उसे सात दिनों तक भूखा-प्यासा रखा गया। इसके बाद उसे पनामा शहर भेजा गया, जहां पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर 28 घंटे तक जेल में रखा। पुलिस ने फिर उसे कोस्टारिका, निकारागुआ, होंडुरस, ग्वाटेमाला और मैक्सिको भेज दिया। हर देश में उसे अवैध तरीके से प्रवेश कराया गया और कई बार लूट और मारपीट का शिकार भी होना पड़ा।
मैक्सिको से अमेरिका में घुसने का प्रयास
मैक्सिको में 20 दिन बिताने के बाद उसे तिजुआना शहर भेजा गया, जहां उसे अमेरिका में प्रवेश दिलाने का वादा किया गया। 31 जनवरी 2025 को उसे अमेरिका बॉर्डर पार करने का मौका मिला, लेकिन डोंकर वहां से भाग गया। पंकज और अन्य लोग 30 फीट ऊंचे बॉर्डर पर चढ़कर अमेरिका में गिरे, जिससे उसके पैर में गंभीर चोट आई। अमेरिकी पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
अमेरिका से भारत वापस भेजा गया
अमेरिकी पुलिस ने पंकज को 15-20 दिन तक जेल में रखा और फिर उसे दूसरी जेल में भेजने के बहाने 42 घंटे की हवाई यात्रा के बाद भारत डिपोर्ट कर दिया। 17 फरवरी 2025 को वह अमृतसर एयरपोर्ट पर उतरा और अपनी जिंदगी की सबसे डरावनी यात्रा समाप्त की।
पीड़ित की मांग – न्याय और पैसे की वापसी
पंकज ने पुलिस में शिकायत देकर ट्रैवल एजेंट मनीश और उसके पिता रामसिंह के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है। उसने अपने 35 लाख रुपये की वापसी की भी गुहार लगाई है। इस घटना ने अवैध तरीके से विदेश जाने के खतरों को उजागर किया है। पुलिस से अनुरोध किया गया है कि इस मामले की गहन जांच कर पीड़ित को न्याय दिलाया जाए।
क्या करें अगर आप विदेश जाने की योजना बना रहे हैं?
1. **मान्यता प्राप्त ट्रैवल एजेंट से ही संपर्क करें।**
2. **सरकारी दस्तावेजों की पूरी जांच करें।**
3. **अवैध रास्तों से विदेश जाने से बचें।**
4. **किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी होने पर तुरंत पुलिस को सूचित करें।**
यह घटना उन लोगों के लिए चेतावनी है जो बिना वैध प्रक्रिया अपनाए विदेश जाने की योजना बनाते हैं। सरकार और प्रशासन को ऐसे मामलों पर सख्ती से कार्रवाई करनी चाहिए ताकि कोई और इस तरह के धोखे का शिकार न हो।
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