मोदी 3.0 के बजट में निराशा और हताशा के सिवाय कुछ नहीं: कुमारी सैलजा

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Nothing but disappointment and frustration in the budget of Modi 3.0: Kumari Selja          

मध्यम वर्ग, एसटी-एसटी-बीसी के लोगों फिर की गई अनदेखी

हरियाणा न्यूज चंडीगढ़ : अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा से लोकसभा सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि मोदी 3.0 के बजट में निराशा और हताश के सिवाय कुछ भी नहीं है। सरकार ने मध्यम वर्ग, युवाओं, किसानों, एससी-एसटी-बीसी की उपेक्षा की है। ऐसा लग रहा है कि एससी-एसटी-बीसी वर्ग को बीजेपी के खिलाफ वोट न देने की सजा दी है, भाजपा का एससी-एसटी-बीसी विरोधी चेहरा सामने आया हैं। नई कर व्यवस्था में मूल छूट बढ़ाकर तीन लाख की गई है जो ऊंट के मुंह में जीरे के समान है, एक बार फिर लोगों के हाथों निराशा लगी है। लंबे-चौड़े झूठे वायदे करने वाली भाजपा सरकार ने बजट के नाम पर जनता को गुमराह करने का काम किया है।

केंद्र सरकार के बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कुमारी सैलजा ने कहा कि नई कर व्यवस्था में मूल छूट सीमा 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर तीन लाख रुपये कर दी गई जो ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। जबकि इसे बढ़ाकर कम से कम पांच लाख रुपये किया जाना चाहिए था। देश विश्व की तीसरी अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ रहा है पर सरकार आम आदमी को लाभ देने से गुरेज कर रही है। उन्होंने कहा कि इससे वेतनभोगी को 17500 रुपये तो गैर वेतनभोगी तो 10 हजार रुपये का ही लाभ होगा। सरकार ने किसानों की मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया है, बजट में न एमएसपी का उल्लेख और न ही कर्ज से कोई राहत दी गई है। डीजल-कीटनाशक दवाई-खाद की कीमत भी कम नहीं की गई है।

उन्होंने कहा कि युवाओं के हाथों में झुनझुना थमाया गया है। नए रोजगार का कोई रास्ता नहीं। राहुल गांधी ने कांग्रेस की सरकार बनने पर एक युवाओं को एक लाख रुपये इंटर्नशिप देने का वायदा किया था, भाजपा सरकार ने राहुल गांधी की घोषणा की नकल तो की पर युवाओं को इंटर्नशिप नाम मात्र की रखी है। बजट में  एसटी-एसटी-बीसी का जिक्र तक नहीं किया गया है, शायद लोकसभा चुनाव में भाजपा को वोट न देने की सजा दी गई है। इससे भाजपा का एसएस-एसटी-बीसी  विरोधी चेहरा भी जाहिर होता है। बढ़ती महंगाई को देखते हुए सरकार ने गरीबों और मध्यम वर्ग का कोई ख्याल नहीं रखा है, भाजपा को गरीबों, मध्यम वर्ग और एसटी-एसटी-बीसी वर्ग की उपेक्षा का खामियाजा भुगतना होगा।

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