Hisar Health department lost sleep after theft of newborn girl: Instructions for strict security arrangements ;
सिविल अस्पताल में शाम 3 बजे से निकासी द्वार बंद, रात्रि ड्यूटी पर खाकी वर्दी में गार्ड होंगे वॉकी-टॉकी से लैस
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civil hospital Hisar |
हरियाणा न्यूज हिसार : सिविल अस्पताल के सुरक्षा प्रबंधों को और ज्यादा पुख्ता किया जाएगा। अब शाम तीन बजे के बाद तमाम निकासी द्वार बंद रखे जाएंगे। रात्रि ड्यूटी पर तैनात सिक्योरिटी गार्ड्स खाकी वर्दी पहनेंगे। इन्हें टॉपी व प्लास्टिक का डंडा दिया जाएगा।
इसके अलावा वॉकी-टॉकी से लैस होंगे, ताकि अस्पताल में घटित आपराधिक, अनैतिक एवं अवैध गतिविधियों की एक सूचना पर तुरंत अलर्ट हो जाएं। अस्पताल की खिड़कियों पर जाली लगाई जाएंगी, ताकि कोई वार्ड में सेंधमारी ना कर सके। पीपीसी के पीछे सिविल अस्पताल व टीबी अस्पताल के बीच का रास्ता बंद होगा। यहां भी लोहे का गेट लगवाया जाएगा, जिस पर ओपीडी बंद होते ही ताला लगा दिया जाएगा। इतना ही नहीं अस्पताल परिसर से बाहर जाने के 2 मुख्य गेट हैं जिनमें क्लॉथ मार्केट चौक की तरफ वाला गेट नंबर-2 रात को बंद रहेगा। आवाजाही मेन गेट नंबर-1 से रहेगी। सुरक्षा के मद्देनजर अस्पताल में तैनात पुलिस गारद की गश्त बढ़ाई जाएगी।
दरअसल, अस्पताल के प्रसूति वार्ड से नवजात बच्ची चोरी हुई थी। इसने लचर सुरक्षा प्रबंधों की पोल खोलकर रखी थी। यह पहली और आखिरी घटना रहे, इसको सिविल सर्जन डॉ. सपना गहलावत ने हेल्थ अफसरों संग आपात बैठक करके सुरक्षा प्रबंधों की समीक्षा की थी। इसमें सुरक्षा के ठोस इंतजामों को लेकर चर्चा करके एजेंडे पारित किए थे। आगामी सात दिन में उन्हें लागू करने के निर्देश दिए हैं। प्रसूति वार्ड में टोकन सिस्टम व रजिस्टर में इंट्री की प्रक्रिया शुरू होगी।
कौन से गेट खुलेंगे और बंद रहेंगे
सिविल अस्पताल के अंदर व बाहर जाने के लिए भवन का मुख्य गेट, इमरजेंसी वार्ड से लिंक गेट, आई ओपीडी के पास द्वार, डायलिसिस सेंटर वाला द्वार, प्रसूति वार्ड के पास द्वार, आइसोलेशन वार्ड के पास द्वार, ब्लड बैंक व लैब के पास 2 द्वार हैं। ऐसे में शाम तीन बजे के बाद मुख्य गेट, इमरजेंसी वार्ड का गेट व प्रसूति वार्ड वाला गेट 24 घंटे खुला रहेगा। अगर भविष्य में मुख्य गेट बंद करने का फैसला लिया जाता है तो इमरजेंसी वार्ड वाले गेट से आवाजाही रहेगी। इनके अलावा बाकी सभी गेट शाम तीन बजे से बंद कर दिए जाएंगे। शाम को बंद होने वाले निकासी द्वार सुबह 8 बजे खोले जाएंगे। सिक्योरिटी गार्ड्स के ड्रेस कोड संबंधित डीजीएचएस के आदेश आने तक उक्त निर्देशों की पालना की जाएगी।
नॉलेज पार्ट: कोड पिंक यानी बच्चा चोरी
अस्पताल में पहले से विभिन्न घटनाओं एवं आपातकाल को लेकर कोडिंग प्रणाली लागू है लेकिन इसको लेकर स्टाफ जागरूक नहीं है। अगर जागरूक होता तो बच्ची चोरी होने पर तुरंत कोड पिंक प्रसूति वार्ड अनाउंस करवाता लेकिन ऐसा नहीं हुआ था। अब फिर से स्टाफ को कोड की जानकारी दी जा रही है। कोड पिंक मतलब बच्चा चोरी हो गया। जिस जगह से चोरी हुआ उसके सहित तीन बार कोड को दोहराया जाएगा। तब हेल्थ अफसर, स्टाफ व सिक्योरिटी गार्ड अलर्ट होकर तुरंत दरवाजे बंद करके सर्च अभियान चलाएंगे। कोड रेड तब बोला जाता है जब आग लग जाए। कोड ब्लू मतलब गंभीर कार्डियक अरेस्ट का संकेत है। इसके अलावा अलग-अलग कोड हैं जिनके बारे में स्टाफ को जानकारी दी जाती है।
अस्पताल में 24 घंटे निकासी द्वार खुले रखने का कोई औचित्य नहीं है। सिक्योरिटी गार्ड्स को हाईटेक बनाकर जरूरी उपकरण एवं संसाधन मुहैया करवाएंगे। स्टाफ को अलर्ट रहकर संदिग्ध लोगों की तुरंत सूचना देने के लिए कहा है। कोड पिंक एसओपी की पुनः जानकारी दिलवा रहे हैं।
डॉ. सपना गहलावत, सिविल सर्जन, हिसार।
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