Government bent on spoiling the brotherhood by approving the marriage of village Guhand and Same Gautra: Sonia Duhan
गांव राजपुरा की ग्राम पंचायत व मौजिज व्यक्ति सोनिया दुहन को पंचायत का प्रस्ताव सौंपते हुए। |
सुनील कोहाड़ ।
हरियाणा न्यूज हिसार : प्रदेश की संस्कृति बचाने के लिए शुक्रवार को गांव राजपुर, माढ़ा, ढ़ाणी ब्राह्मण व पाली में संस्कृति बचाओ हरियाणा बचाओ अभियान के तहत एक गांव, एक गोत्र और गुहांड़ में शादी जैसी समाज को कलंकित करने की विचारधारा को खत्म करने के लिए संस्कृति बचाओ-हरियाणा बचाओ पंचायत का आयोजन समाज सेवी एवं एनसीपी नेत्री सोनिया दुहन की अगुवाई में किया गया। जिसमें सभी ग्राम पंचायतों से सहमति पत्र भी जुटाए जा रहे हैं।
ग्राम पंचायतों का सोनिया दुहन के इस कार्यक्रम को लेकर लोगों में भारी उत्साह देखने को मिल रहा है। क्योंकि ये बिमारी किसी एक व्यक्ति या एक परिवार को बर्बाद नहीं करती। बल्कि इससे हमारा पूरा समाज कलंकित होकर इसकी गिरफ्त में आ रहा है। पंचायत में सर्व समिति से फैसला लिया गया कि एक गोत्र, एक गांव व गांव की सीमा के लगते गांव में शादी नहीं होनी चाहिए। इससे हमारे प्रदेश की संस्कृति खराब हो रही है और गांव-गुहांड का जो भाईचारा है वो भी इसकी भेंट चढ़ कर समाज को तोड़ने का काम कर रहा है। इस दौरान सोनिया दूहन को पगड़ी पहनाकर सम्मानित किया गया। उसके इस अभियान में हर गांवों की तरफ से पूर्ण रूप से सहयोग देने का आहवान किया जा रहा है।
एन.सी.पी. नेत्री सोनिया दूहन ने बताया कि आज हमारे प्रदेश की संस्कृति बदलती जा रही है। एक गांव या गोत्र में शादी की जा रही है। जिससे कि हमारे रिश्ते नातों में भी बदलाव देखने को मिल रहा है। केंद्र व राज्य सरकार कानून में बदलाव न करके समाज को बर्बाद करना चाहती है। सरकारों ने खापों को ऑनर किलिंग का आरोप लगाकर बदनाम करने का काम किया ताकि वह हमारी नस्ल को बर्बाद कर सके। लेकिन आज प्रदेश की जनता जागरुक हो चुकी है। तीन कृषि कानून रद्द करवाने के बाद अब मैरिज एक्ट में बदलाव के लिए भी लड़ाई लड़कर अलग से कानून बनवाने होंगे। एक गांव, एक गोत्र या पड़ोसी गांव में शादी होने पर लड़का-लड़की के परिजनों जो हाल होता है वह बया नहीं कर सकते। यह प्रदेश के लोगों की लड़ाई है। सभी के साथ मिलकर इस लड़ाई को लड़ने काम करूंगी।
उन्होंने पंचायतों के पास जाकर उनका समर्थन पत्र जुटाने शुरू किए हुए हैं और उसके बाद यह प्रस्ताव पास करके खापों के साथ पैदल यात्रा करके प्रदेश के मुख्यमंत्री को प्रस्ताव सौंपने का काम किया जाएगा ताकि वह प्रदेश की जनता की आवाज को सुनकर इन कानून में बदलाव कर सके। इस अवसर पर सरपंच सुनील कुमार, दिलबाग सिंह, पूर्व सरपंच वजीर पेटवाड़, दारा सिंह, कृष्ण, महेंद्र फौजी, सोनू कोहाड़, महाबीर, महेंद्र नंबरदार, बारु राम, मंदीप उर्फ कुकु, हवा सिंह नंबरदार, रविन्द्र, बलवान, नवीन इत्यादि सैकड़ों ग्रामीण मौजूद थे।
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