किसान आंदोलन टू अपडेट: क्या किसान, जवान फिर होंगे आमने-सामने; पुलिस की किसान आंदोलन को कुचलने की कानूनी तैयारी
Kisan andolan Two update: Will farmers and soldiers come face to face again? Police’s legal preparations to crush farmers’ movement
किसानों का दिल्ली कूच, प्रशासन मुस्तैद, चंडीगढ़ में केंद्रीय मंत्रियों ने किसानों से की बातचीत, हर जिले की किसान आंदोलन को लेकर अपडेट
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मांगों को लेकर हिसार राजगढ़ रोड़ पर जाम लगाकर प्रदर्शन करते किसान। |
हरियाणा न्यूज चंडीगढ़ : देश की स्वतंत्रता के बाद से पिछले 2022 में अपनी मांगों को लेकर सबसे लंबे समय तक चर्चित रहा किसान आंदोलन एक बार फिर से समर के लिए तैयार हो रहा है। वहीं पुलिस प्रशासन की ओर से इस किसान आंदोलन को पुनः आरंभ होने से पूर्व ही कानूनी प्रक्रियाओं के तहत कुचलने की तैयारी कर ली गई है। वहीं किसानों ने भी सरकार पर अपनी मांगों को लेकर दबाव बनाने की राजनीति तैयार कर ली गई है। वीरवार को चंडीगढ़ में केंद्रीय मंत्री पयूष गोयल के नेतृत्व में तीन मंत्रियों ने चंडीगढ़ में किसान नेताओं से मुलाकात की।
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किसानों के दिल्ली कूच को लेकर पुलिस प्रशासन मुस्तैद। |
पुलिस प्रशासन की ओर से सार्वजनिक रूप से ट्रांसपोर्टर व आमजन आदि को इस आंदोलन का भाग न बनने की नसीहत देते हुए कहा कि आगामी 13 फरवरी को प्रस्तावित किसानों के दिल्ली कूच आंदोलन को लेकर वाहनों सहित उसका हिस्सा बने तो उनके वाहनों को इंपाउंड कर लिया जाएगा और उसे शासकीय प्रक्रिया के तहत गैर पंजीकृत घोषित किया जाएगा। पुलिस प्रशासन की इस कार्रवाई को लेकर किसान संगठनों ने भी अपनी मांगों को लेकर हर प्रकार से तैयार रहने का संकल्प लिया है मगर इस आंदोलन को शांतिपूर्ण तरीके से चलाने की भी बात कही है। पुलिस प्रशासन की ओर से कहा गया है कि उनकी इस हिदायत की अवहेलना करने पर वाहनों के संचालकों को कानूनी कार्रवाई सामना भी करना पड़ सकता है। सीधे तौर पर कहा गया है कि यदि आंदोलनकारियों ने सरकारी संपति या आमजन को नुक्सान पहुंचाया तो गंभीर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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हरियाणा न्यूज चंडीगढ़ : किसान संगठनों के दिल्ली कूच के आह्वान को देखते जिले मे पुलिस बल को अलर्ट पर रखा है। पंजाब से लगती सीमा पर चौकसी को बढा दिया गया है। दिल्ली कूच को रोकने के लिए पजाब बार्डर को सील करने की तैयारियां भी की गई। बार्डर तथा जिले से दिल्ली जाने वाले रास्तो पर भारी भरकम बैरिकेटिंग की तैयारियां की गई है ताकि पंजाब के किसान जिले में न घुस पाएं और जिले के किसान जिले की सीमा से बाहर न जा पाएं। हर जिले से काई किसान दिल्ली कूच में शामिल न हो इसको लेकर भी अधिकारी पचायतो के साथ बैठक कर रहे हैं।
किसान संगठनों ने 13 फरवरी को दिल्ली कूच का आह्वान किया हुआ है। पंजाब की तरफ से आने वाले किसानों को जिला की सीमा मे न घुसने को लेकर बार्डर सील की सभी तैयारियां जिला प्रशासन द्वारा की गई हैं। बार्डर पर भारी भरकम बैरिकेटिंग का प्रबंध किया गया है। यही हालात जिले से दिल्ली जाने वाले रास्तों पर जिले के अतिम गांव रास्तो पर किए गए हैं। पंजाब के किसानों को दिल्ली कूच रोकने को लेकर एडीजीपी समेत जिले के अधिकारी पंजाब बॉर्डर का जायजा ले चुके है।
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दिल्ली कूच को देखते जींद, सोनीपत जिले में छह फोर्स की अतिरिक्त कंपनियों को तैनात किया गया है। जो दिल्ली कूच में स्थानिय फोर्स के साथ मिल कर काम करेगी और कानून व्यव्यस्था बनाए रखने मे सहयोग करेगा। कूच में कोई जिले से किसान शामिल न हो इसको लेकर सरपंचों के साथ अधिकारी लगातार बैठक कर रहे हैं ताकि जिले मे कानून व्यवस्था बनी रहे।
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बैठक कर किसान आंदोलन को कुचलने का प्रण लेते हुए सरपंच एसोसिएशन जुलाना के सदस्य, साथ में डीएसपी व अन्य अधिकारी। |
जुलाना के बीडीपीओ कार्यालय में सरपंचों की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में खंड प्रधान शिक्षा देवी के प्रतिनिधि सतीश नैन ने की। बैठक में सरपंचों ने फैसला लिया कि वो किसान आंदोलन में भाग नही लेंगे। पंजाब के किसानों के आंदोलन के कारण प्रदेश को काफी नुकसान हो रहा है। सरपंचों ने बैठक में हाथ खड़े करके इस बात का समर्थन किया। बैठक में सरपंचों को संबोधित करते हुए डीएसपी जितेंद्र राणा ने कहा कि दिल्ली कूच के नाम पर लोगो को भ्रमाया जा रहा है। सरपंच लोगो को जागरूक करे ओर कानून व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करे। बैठक में सरपंचों ने आश्वासन दिया कि वो गांवों जाकर लोगों को भी जागरूक करेंगे। इस मौके पर सोल्जर, महेंद्र, अनिल, राहूल, कुलदीप, अशोक कुमार आदि सरपंच मौजूद रहे।
डीएसपी जितेंद्र ने बताया कि पुलिस प्रशासन भी लगातार पंजाब के किसानो के दिल्ली कूच को लेकर अलर्ट पर है। जिले में छह कंपनिया फोर्स की आई है और चार कंपनियां पुलिस की तैनात रहेगी। किसी हालत में भी कानून व्यवस्था को बिगड़ने नहीं दिया जाएगा।डीएसपी जितेंद्र राणा और डीएसपी रोहताश ढुल व जुलाना थाना प्रभारी नवीन मोर भी बैठक में पहुंचे। इस मौके पर बैठक की।
चडूनी समर्थकों ने रैली से बनाई दूरी
गुहला चीका। भारतीय किसान यूनियन चढूनी के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा है कि 13 फरवरी को दिल्ली कूच के लिए संयुक्त किसान मोर्चा ने उन्हें न्यौता नहीं दिया है, जिसके चलते वे व उनके समर्थक दिल्ली रैली में भाग नहीं लेंगे। चढ़नी आज समर्थकों से मिलने के दौरान टटियाना में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। कहा कि यदि संयुक्त किसान मोर्चा उन्हें न्यौता देता या फिर उनके साथ किसी प्रकार का सलाह की जाती तो फिर वे दिल्ली रैली में जाने के बारे में अपने कार्यकर्ताओं से सलाह कर दिल्ली अवश्य पहुचेंगे।
प्रशासन का सहयोग करे: सभी डीएसपी व एसएचओ ग्रामीणों को मीटिंग लेकर समझा रहे कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन का सहयोग करें। कानून व्यवस्था भंग करने की किसी को भी इजाजत नहीं दी जाएगी, तथा पुलिस आम-जन के जान-माल तथा सार्वजनिक संपत्ति की सुरक्षा हेतु पूर्ण रूप से सतर्क है। पुलिस कर्मचारियों व अधिकारियों को हेलमेट, बॉडी प्रोटेक्टर, कैन-शिल्ड सहित अन्य एंटी राइट इक्विपमेंट से लैस रहने के निर्देश दिए गये है। जिला कैथल में 10 पुलिस कंपनियां तैनात की गई है जिनमें से 5 पुलिस कंपनी बाहर से बुलाई गई है। कानून व्यवस्था भंग करने वालो के पासपोर्ट तथा आर्म्स लाइसेंस भी रद्द हो सकते है, इस दौरान पुलिस द्वारा ड्रोन कैमरों से नजर रखी जाएगी।
इन वाहनों पर रहेगी नजर
पुलिस प्रशासन की ओर से इस प्रस्तावित आंदोलन में जिन संभावित वाहनों पर कार्रवाई के लिए नजर रखी जा रही है उनमें ट्रक, ट्राले, बस, भारी कंटेनर, जेसीबी मशीन, हाईड्रा मशीन, रोड रोलर, पोपीलेन मशीन आदि शामिल हैं।
शांतिपूर्ण रहेगा आंदोलनः औलख
वहीं इस सिलसिले में किसान नेता लखविंद्र सिंह औलख ने कहा कि उनका आंदोलन पूरी तरह शांतिपूर्ण रहेगा मगर वे किसानों व मजदूरों के हकों की आवाज को केंद्र सरकार तक पहुंचाकर रहेंगे। उन्होंने पुलिस की ऐसी हिदायत को अलोकतांत्रिक करार देते हुए कहा कि किसान संगठन अपने हक के लिए पूरा संघर्ष करेंगे और ये देखेंगे कि सरकार अथवा पुलिस प्रशासन किस हद तक उन्हें दबाने की कोशिश करेंगे। औलख ने कहा कि बड़ा सवाल है कि आंदोलन को कुचलने के लिए आखिर पुलिस कितने ट्रेक्टरों व अन्य वाहनों को इंपाउंड करेंगे?
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