kisan prepared the outline of the movement in Kheri Chopta, made a big announcement
प्रशासन को भी चेतावनी किसानों को तंग ना करें वरना परिणाम बुरे होंगे
किसान खेड़ी चोपता पर महापंचायत करते हुए। |
हरियाणा न्यूज नारनौंद : किसान मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं लेकिन प्रदेश सरकार किसानों को दिल्ली नहीं जाने दे रही। किसानों ने 15 फरवरी को सिसाय में पंचायत करके खेड़ी चोपटा में इकट्ठे होने का ऐलान किया था। रविवार को सुबह से ही सैकड़ो किस यहां पर जमा होने शुरू हो गई इस दौरान भारी पुलिस बल को भी तैनात किया गया। किसान नेता सुरेश कोथ सैकड़ो किसानों के साथ दिल्ली के लिए पैदल रवाना हुए तो पुलिस ने कुछ ही दूरी पर उनको गिरफ्तार कर लिया। इससे किसानों में भारी रोष हो गया और खेड़ी चोपटा पर ही पंचायत का आयोजन कर प्रशासन को चेतावनी दी थी जल्द ही दोनों किसान नेताओं को रिहा नहीं किया तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
किसान ट्रैक्टरों पर सवार होकर खेड़ी चोपटा पहुंचे। |
हिसार जिले का किसान आंदोलन का मुख्य केंद्र खेड़ी चोपटा पर ही होगा। किसानों की इस घोषणा के बाद खेड़ी चोपटा पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। डीएसपी राज सिंह लालका और रविंद्र सांगवान को तैनात किया गया है। ड्यूटी मजिस्ट्रेट के तौर पर हांसी के बीडीपीओ अंकित को नियुक्त किया गया है। पुलिस प्रशासन और किसानों के बीच में बातचीत का दौर चला हुआ है। किसानों ने दोनों नेताओं की रिहाई का प्रस्ताव प्रशासन को दिया है।
किसान नेता व पुलिस प्रशासन के अधिकारी बातचीत करते हुए। |
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सिसाय महापंचायत में ऐलान के बाद रविवार को सुबह से ही अलग-अलग गांव के सैकड़ो की संख्या में किसान ट्रैक्टर लेकर खेती चोपटा पहुंचने शुरू हो गए थे। किसान नेता सुरेश कोथ, धर्मपाल बडाला, मायड़ टोल से कुलदीप खरड़, बलवान मलिक, संयुक्त मोर्चा कमेटी के सदस्य अमित सांगवान, जाटू खाप 84 से अजीत धनाना, उमरा से कैलाश और मुकेश, भारती किसान यूनियन के ब्लॉक प्रधान रणधीर मिलकपुर सहित सैकड़ो किसान पहुंचे और जब दिल्ली के लिए रवाना हुए तो पुलिस ने किसान नेता सुरेश कोथ हिरासत में ले लिया। उसके बाद सैकड़ो किसान नारनौंद उचाना सड़क मार्ग की साईड में टेंट लगाकर बैठ गए।
खेड़ी चोपटा से किसान नेता सुरेश कोथ दिल्ली के लिए पैदल मार्च करते हुए।
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भारतीय किसान मजदूर यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष किसान नेता सुरेश कोथ ने कहा कि सरकार किसानों की मांगों को पूरी करें। किसान अपने हकों के लिए आंदोलन कर रहे हैं। पंजाब के किसानों के साथ सरकार ने ज्यादती करने का काम किया है। क्या राजधानी किसानों की नहीं है। किसान राजधानी में आंदोलन नहीं कर सकते। भाजपा सरकार ने किसानों का स्वागत लाठियां और आंसू गैस के गोले से किया है। यह हमेशा याद रखा जाएगा। सभी किसान एकजुट है और वह एकजुट होकर आंदोलन की लड़ाई लड़ने का काम करेंगे। सिसाय की महापंचायत में फैसला लिया गया था कि 18 फरवरी को खेड़ी चोपटा में सभी किसान इकट्ठे होकर दिल्ली के लिए रवाना होंगे। उसी के तहत यहां से पैदल ही दिल्ली के लिए रवाना हो रहे हैं।
भारतीय किसान संघर्ष समिति के सदस्य किसान नेता विकास सीसर ने कहा कि किसान शांति पूर्वक आंदोलन कर रहे हैं लेकिन भाजपा सरकार किसानों को आतंकवादी समझती है क्या वह दिल्ली में घुस गए तो वहां पर घमासान हो जाएगा। किसान अन्नदाता है। सॉरी देश की सारे देश का पेट भरता है लेकिन आज वह कर्ज की बोझ के नीचे दबा हुआ है और फसलों के दाम भी काम मिल रहे हैं। ऐसे में जब वह अपनी मांग के लिए सड़कों पर है तो पूरे देश के लोगों को उनका सहयोग करना चाहिए। भाजपा सरकार आंदोलन को दबाने का काम कर रही है। उसने खेड़ी चोपटा से किसान नेता सुरेश कोथ और रवि आजाद को गिरफ्तार किया है। प्रशासन से मांग है कि जल्द से जल्द दोनों नेताओं को रिहा करें अन्यथा किसान बड़ा फैसला लेकर आंदोलन की रूपरेखा को बदलने का काम करेंगे।
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