किसानों को सस्ता और आसान ऋण उपलब्ध कराने के लिए सरकार की नई पहल

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 kisanon ko sasta aur aasan loan upalabdh karaane ke lie sarakar ki nayi pahal 

संशोधित ब्याज सहायता योजना के तहत ऋण सीमा बढ़ाकर 3 लाख से 5 लाख की गई

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Indai Goverment Farmers Scheme : किसानों को सस्ता और आसान ऋण उपलब्ध कराने के लिए सरकार की नई पहल

KPS News। केंद्रीय बजट 2025-26 में भारत के अन्नदाता पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया है, जिससे सरकार की कृषि विकास और उत्पादकता को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता स्पष्ट होती है। कृषि को दस प्रमुख विकासात्मक क्षेत्रों में शामिल किया गया है, जो भारत की आर्थिक प्रगति को गति देने वाला एक महत्वपूर्ण घटक है।








केंद्रीय बजट 2025-26 घोषणाओं के कार्यान्वयन पर चर्चा करने के लिए शनिवार को “कृषि और ग्रामीण समृद्धि पर बजट के बाद वेबिनार” आयोजित किया गया। ज़िला अग्रणी बैंक प्रबंधक राजीव रंजन ने बताया कि प्रतिभागियों में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के विभिन्न प्रतिनिधियों के साथ-साथ आरबीआईनाबार्डअनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (एससीबी), क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (आरआरबीराज्य सहकारी और जिला केंद्रीय सहकारी बैंक (एसटीसीबी और डीसीसीबीराज्य स्तरीय बैंकर्स समितियां (एसएलबीसीकृषि विकास केंद्र (केवीकेऔर किसान शामिल थे।








उन्होंने बताया कि आर्थिक सर्वेक्षण 2024 में भी बताया गया था कि 31.3.2024 तक 7.75 करोड़ किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसीखाते हैं। अल्पकालिक ऋण जरूरतों को पूरा करके केसीसी योजना ने कृषि उत्पादकता बढ़ाने और किसानों की आय बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। केसीसी-संशोधित ब्याज अनुदान योजना (केसीसी-एमआईएसएसकिसानों को 4 प्रतिशत की प्रभावी रियायती ब्याज दर पर ऋण दे रही है।








किफायती ऋण तक आसान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए, भारतीय रिजर्व बैंक ने जमानत-मुक्त ऋण को ₹1.6 लाख से बढ़ाकर ₹2 लाख कर दिया है। एक बड़े कदम के रूप में, केंद्रीय बजट 2025-26 ने संशोधित ब्याज सहायता योजना के तहत ऋण सीमा को ₹3 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख कर दिया है। इस कदम से  कृषि में अधिक निवेश को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। इससे फसल उत्पादन, बागवानी, पशुपालन और मत्स्य पालन के लिए किसानों की बढ़ी हुई पूंजी आवश्यकताओं को पूरा करने में काफी मदद मिलेगी।







सरकार ने पिछले दशकों में एमआईएसएस के माध्यम से किसानों को 1.44 लाख करोड़ रुपये प्रदान किए हैं। इन पहलों के माध्यम से, सरकार का लक्ष्य 2023-24 में कृषि अल्पकालिक ऋण को 9.81 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2029-30 तक 20 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचाना है। इन उपायों के ज़रिए सरकार न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में ऋण की सुलभता बढ़ा रही है, बल्कि किसानों को वित्तीय स्वतंत्रता भी दे रही है। जैसे-जैसे यह पहल पूरे देश में लागू होगी, इसमें भारत में कृषि ऋण को फिर से परिभाषित करने की क्षमता है, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि समय पर और किफ़ायती ऋण उन लोगों तक पहुंचे, जिन्हें इसकी सबसे ज़्यादा ज़रूरत है।

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