Insurance of Kharif crops has become big problem for farmers
जिले के दो लाख से अधिक किसानों को बीमा देने को कोई भी कंपनी तैयार नहीं
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खेतों में काम करते हुए किसान। |
हरियाणा न्यूज/हिसार : किसानों के लिए खरीफ की फसल का बीमा जी का जंजाल बन गया है। जिले के दो लाख से अधिक किसानों को बीमा देने के लिए कोई भी कंपनी तैयार नहीं है। जिसके कारण किसान पशोपेश में हैं। जिले के दो लाख से अधिक किसान खरीफ फसल धान, कपास, बाजरा, ग्वार आदि की बिजाई करते हैं। जिसमें 3.18 लाख एकड़ में कपास की बिजाई हो चुकी है। अगले महीने धान, ग्वार, बाजरे की बिजाई होगी। अगर इन फसलों को प्राकृतिक आपदा से कोई नुकसान हुआ तो उन्हें प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से राहत मिलने की कोई संभावना दूर-दूर तक दिखाई नहीं दे रही है।
हिसार में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए इस बार भी कोई कंपनी नहीं आई है। अगर आंधी, तूफान, बारिश, ओलावृष्टि, बाढ़, बेमौसमी बारिश, गुलाबी सुंडी, उखेड़ा से फसलों को नुकसान हुआ तो किसान पूरी तरह से सरकार के रहमोकरम पर निर्भर होंगे।वर्ष 2016 में पूरे देश में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना शुरू हुई थी। इस योजना का मकसद सभी किसानों की फसलों का बीमा करना और कृषि जोखिम को कम करना था।
यह योजना प्राकृतिक आपदाओं और कीटों या बीमारियों के कारण फसल नुकसान का सामना करने वाले किसानों को बीमा और वित्तीय सहायता प्रदान करती है। शुरुआत में तो किसानों ने इसका विरोध किया, लेकिन बीमा कंपनियों ने अच्छा खासा क्लेम दिया तो किसान इसकी ओर आकर्षित हुए। शुरुआत में यह सभी के लिए लागू की गई, लेकिन बाद में इसे स्वैच्छिक कर दिया गया था।400 करोड़ मुआवजा देना पड़ा तो कंपनियों ने खींच लिया हाथ इस योजना के तहत प्रदेश के 21 जिलों को 3 क्लस्टर में बांट कर बीमा का लाभ दिया जाता है। इस बार खरीफ 2024-25 के लिए भी कोई कंपनी बीमा करने को तैयार नहीं है। बीमा कंपनियां खरीफ फसल की कपास, धान, बाजरा, मूंग की फसल का बीमा करती हैं।
हरियाणा के 14 जिलों को मिल रहा फसल बीमा योजना का लाभ
क्लस्टर एक में पंचकूला, फरीदाबाद, कुरुक्षेत्र, कैथल, सिरसा, भिवानी, रेवाड़ी शामिल हैं। क्लस्टर तीन में यमुनानगर, पानीपत, पलवल, रोहतक, फतेहाबाद, झज्जर, मेवात और चरखी दादरी शामिल हैं। इन सभी जिलों में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना चल रही है। क्लस्टर 2 में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को लेकर कोई कंपनी नहीं आई। जिसके चलते इस क्लस्टर के 7 जिलों में बीमा नहीं हो पा रहा। इस बारे में मुख्यालय की ओर से ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा। पिछले वर्ष सरकार ने प्रीमियम लेकर बीमा किया था। इस बार अभी तक कोई निर्देश नहीं आए हैं।
-डॉ. राजबीर सिंह, उप निदेशक, कृषि विभाग, हिसार।
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